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राहत की राहः उज्ज्वला, जनधन योजना महिलाओं को दे रहा घर चलाने का हौसला

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राहत की राहः उज्ज्वला, जनधन योजना महिलाओं को दे रहा घर चलाने का हौसला

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: कोविड-19 के कारण 25 मार्च 2020 से ही पूरे देश में लॉकडाउन लगाना पड़ा। केंद्र सरकार इस बात को लेकर  शुरू से ही सजग थी कि इस प्रतिबंध मे कारण देश में कहीं भी कोई भूखा ना सोये। और इसके लिए सरकार ने महिलाओं के हाथों में सबल देना सबसे कारगर समझा। कुछ साल पहले प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच से खुले ज़ीरो-बैलेंस जनधन खातों में केंद्र सरकार ने महिलाओं को अप्रैल-जून की तिमाही के लिए हर महीने 500 – रुपये देने का फैसला किया ताकि वो अपना घर बार चला सके। साथ ही इन तीन महीनों के लिए मुफ्त सिलिन्डर का भी सरकार ने बंदोबस्त किया, ताकि खाने पीने की कोई परेशानी न हो, प्रधानमंत्री अन्न योजना से देशभर के राशन कार्ड धारकों को अन्न और दलहन भी उपलब्ध कराया गया। झारखंड के रामगढ़ जिले के ताला-टांड गांव की सरस्वती देवी के परिवार को लाँकडाउन में राशन तथा इनके खाते में गैस  के पैसे मिले हैं जिससे इनको काफी सुविधा है।

पीएम उज्ज्वला योजनाः
पीएम गरीब कल्याण पैकेज  ) के अंतर्गत सरकार के द्वारा 97.8 लाख मुफ्त उज्ज्वला सिलेंडर दिए जाएँगे। पी.एम.यू.वाई लाभार्थियों को अगले तीन महीनों (अप्रैल से जून, 2020) तक इसकी निःशुल्क आपूर्ति की जाएगी। पहले रीफ़ील के लिए 803/- रुपये की राशि सभी लाभार्थियों के अकाउंट में भेज दी गयी है। उज्जवला योजना ने महिलाओं के चेहरे पर उजाला ला दिया है। मांडर प्रखंड के पुनगी गांव की सुकरी उज्जवला योजना के तहत गैस पाकर खुश हैं। इस गांव की अधिकांश महिलाओं ने कहा कि अब उन्हें लकड़ी के धुएं से मुक्ति मिली है।

हरही रांची की परनो उरांव भी उन्हीं में से एक हैं।उन्होंने इसके लिए सरकार का धन्यवाद किया। रामगढ़ की अमृता खेस के घर लॉक डाउन के वक्त भी रसोई गैस की कोई दिक्कत नहीं है,  जिसका श्रेय उज्जवला योजना को सीधे तौर पर जाता है। उन्हें गैस भराने के लिए इस योजना के तहत सरकार से राशि मिली है, और गैस आया है, जिससे घर वालों के लिए खाना बन रहा। लॉकडाउन में सरकार की ओर से राशन मिला है, पैसे भी मिले हैं, उज्जवला योजना के तहत गैस भी मिली है। पहले से खाना बनाना आसान हो गया है। ये शब्द हैं मांडर प्रखंड के पुनगी गांव की गंगी उरांव के। रांची के मांडर प्रखंड के कंदरी नावाटोली गांव की हिरामनी उरांव सरकार का धन्यवाद करते हुए कहती हैं कि लॉकडाउन में सरकार इसी तरह सुविधा देते रहे। राशन मिला है, उज्ज्वला योजना के तहत गैस मिली है। पहले से सुविधाएं भी ज्यादा मिली है।

पीएम जनधन योजनाः
लॉक डाउन में सरकार को वंचित वर्गों का ख़ास ख्याल है ताकि उन्हें छोटी मोटी ज़रुरत की चीज़ों के लिए किसी पर निर्भर न होना पड़े। महिला जनधन खाताधारकों को रु॰ 500/- की आर्थिक सहायता राशि भेजी गयी है। मुश्किल कि इस घड़ी में यह राशि महिलाओं के लिए फायेदेमंद साबित हो रही है। रामगढ़ की इशरत जहाँ को प्रधानमन्त्री जनधन योजना के तहत पांच सौ रूपए मिलें हैं, जिससे वे राहत महसूस कर रहीं हैं।

पीएम किसान योजना एवं अन्न योजनाः  
महिलाओं के साथ-साथ सरकार ने किसानों, बुजुर्गों, दिव्याङ्गों, विधवाओं, काम-काज ठप्प होने से खाली बैठे मजदूरों तक आर्थिक राहत पहुंचाने के लिए च्डळज्ञल् के वृधावस्था पेंशन, अन्न योजना, आदि के रूप में आर्थिक सहायता राशि देकर उनकी मदद कर रही है। केंद्र सरकार ने पीएम-किसान की पहली किस्त के 14,946 करोड़ रुपये विभिन्न राज्यों के 7.47 करोड़ किसानों को हस्तांतरित किये हैं। इसके अंतर्गत हर किसान को 2000 रुपये प्राप्त हुए हैं। रांची के  पुसवा मुंडा और उनकी पत्नी फुलमनी देवी को लॉक डाउन के दौरान केंद्र प्रायोजित गरीब कल्याण योजना का लाभ मिला है। इस योजना के तहत जन वितरण प्रणाली की दुकान से उन्हें  राशन मिला है, जिससे अब इन्हें  खाने पीने की  किसी प्रकार की परेशानी नहीं है। मांडर प्रखंड के कंदरी गांव के भागु पाठक सरकार को धन्यवाद देते हुए कहते हैं कि किसान सम्मान निधि से मिले पैसों ने इस लॉकडाउन में बड़ी राहत दी है। इससे खाद-बीज खरीदने में सहयोग मिल रहा है। दिलीप कुमार मिश्रा मांडर प्रखंड के पुनगी गांव के किसान हैं। इन्हें पीएम किसान सम्मान निधि के तहत दो हजार रुपये मिले हैं। यद्यपि दिलीप के पास सफेद कार्ड है, फिर भी उन्होंने राशन दिए जाने की बात कही है। अप्रैल, 2020 की पात्रता से 1.19 करोड़ राशन कार्डों के 5.29 करोड़ लाभार्थियों को 16 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों ने अबतक 2.65 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरित किए हैं। वहीं 3,985 मीट्रिक टन दालें भी इन प्रदेशों को भेजी गई हैं।

दिव्यांग एवं वृद्धावस्था पेंशन योजना
लॉकडाउन में राहत प्रदान करने हेतु लगभग 2.82 करोड़ वृद्धों, विधवाओं और विकलांग व्यक्तियों को 1400 करोड़ रुपये पेंशन के रूप में वितरित किए गए हैं। इसके अंतर्गत बुजुर्गों, दिव्यंगों एवं निराश्रित महिलाओं/ विधवाओं के खाते में सरकार द्वारा प्रति माह 1000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है।  झारखण्ड के जिला लोहरदगा ग्राम चिरी, प्रखण्ड कूड़ु की रहने वाली तैमून खातून कोविड19 के इस मुश्किल समय में दिव्यांग पेंशन योजना के तहत पैसे मिलने से खुश हैं, और प्रधानमंत्री  को धन्यवाद देती हैं।

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