सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने कोविड-19 और लॉकडाउन इफेक्ट को देखते हुए बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। आयोग ने चालू बिजली दर में किसी भी प्रकार की कोई बढ़ोतरी नहीं की है, जबकि विभिन्न श्रेणियों के उपभोक्ताओं को कई रियायतें दी गयी है। आयोग के सदस्य आरएन सिंह और पीके सिंह ने शुक्रवार को रांची में बताया कि ने बताया कि डीपीएस (डिले पेमेंट सरचार्ज) की दर में महीना 1.5 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत यानि कि साल में राउंड फिगर 12 प्रतिशत कर दिया है। जबकि ऑनलाइन भुगतान पर 1 प्रतिशत तथा ड्यू डेट के अंदर भुगतान पर 1 प्रतिशत छूट के साथ कुल 2 प्रतिशत की छूट दी जाएगी, अर्थात इतना प्रतिशत बिल कम देना होग।
इसके अलावा बिजली दर के फिक्स चार्ज की वसूली को आपूर्ति घंटे से जोड़ा जाएगा, एचटी उपभोक्ताओं के लिए 23 घंटे एवं एलटी उपभोक्ताओं के लिए यह 21 घंटे तक होगा। यानि कि हाईटेंशन उपभोक्ताओं को कम से कम 23 घंटा एवं आम उपभोक्ताओं को कम से कम 21 घंटे बिजली देना होगा, नहीं तो फिक्स चार्ज वसूली में निगम को लॉस सहना होगा। साथ ही 1 जनवरी तक राज्य के सभी उपभोक्ताओं को मीटरर्ट कर देना अनिवार्य होगा। मीटर रीडिंग सिस्टम होने के कारण बिजली इंस्पेक्टर अब उपभोक्ताओं के घर जाकर लोड का निरीक्षण नहीं कर पाएंगे।
बिजली वितरण कंपनी या उसकी लाइसेंसी बिंलग एजेंसी अगर दो माह तक उपभोक्ताओं को बिजली बिल नहीं देती है तो तीसरे माह से प्रति माह बिल में 1 प्रतिशत एवं अधिकत्तम तीन माह तक 3 प्रतिशत की छूट उपभोक्ताओं को मिलेगी। उन्होंने बताया कि प्री-पेड मीटर वितरण कंपनी को प्रोवोवाइड करना होगा, अगर ऐसा नहीं होता है और कोई उपभोक्ता खुद इस मीटर का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें 3 प्रतिशत की विशेष छूट एवं सिक्यूरिटी की वापसी करनी होगी। उन्होंने बताया कि उपभोक्ताओं को वर्तमान में दी जाने वाली सब्सिडी या कोई दूसरी सुविधा पर निर्णय सरकार लेगी। यह टैरिफ कॉस्ट ऑफ सप्लाई के आधार पर तय की गयी है। गौरतलब है कि झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेवीवीएनएल) ने आयोग में पिछले दिसंबर में वर्तमान बिजली दर में 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था। लेकिन आयोग ने सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी गई है।
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