सिटी पोस्ट लाइव, लखनऊ: अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बुधवार को लोकभवन स्थित अपने सभा कक्ष में उत्तर प्रदेश पुलिस और फॉरेंसिक विश्वविद्यालय, लखनऊ की स्थापना सम्बन्धी कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए रांची (झारखण्ड) के एक्सपर्ट फारेंसिक सांइटिस्ट डॉ.एके बापुली व निदेशक, फोरेंसिक लैब, दिल्ली, डॉ. दीपा वर्मा से फॉरेंसिक विश्वविद्यालय की बारीकियों के बारे मे चर्चा की ताकि समस्त कार्य पूर्ण गुणवत्ता के साथ समय से पूर्ण हो सके। अपर मुख्य सचिव आज विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये गठित स्टेयरिंग कमेटी की प्रथम बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना सम्बन्धी कार्यों में तेजी लाए जाने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को देते हुए कहा कि इसका निर्माण चरणबद्ध ढंग से किया जाए। विश्वविद्यालय के स्थापना के कार्यो में गति लाने के लिये आवश्यकतानुसार समितियों का गठन भी किया गया है।
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उन्होंने कहा कि उप्र पुलिस एवं विधि विज्ञान विश्वविद्यालय के निर्माण में आधुनिक तकनीक, डिजाइन और सुविधाओं का समावेश किया जायेगा तथा इसकी शैली उत्कृष्ट प्रकार की होगी। साइबर अपराध से निपटने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में फॉरेंसिक लैब तथा साइबर थाने की स्थापना की जा रही है। ऐसे अपराधों की विवेचना एवं अभियोजन के लिए अपने पुलिस तंत्र एवं अभियोजकों को साइबर अपराधों के क्षेत्र में दक्ष बनाया जाना अत्यन्त आवश्यक है। इसके दृष्टिगत प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थापित होने वाले पुलिस एवं विधि विज्ञान विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उल्लेखनीय है कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भूमि का प्रबन्ध किया जा चुका है। यह कानपुर रोड पर अमौसी हवाई अड्डे से 08 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होगा। इसमें फाॅरेन्सिक यूनिवर्सिटी के अलावा, पुलिस ट्रेनिंग स्कूल और महिला बटालियन की स्थापना भी प्रस्तावित है। इसकी स्थापना के सम्बन्ध में सभी औपचारिकताएं पूर्ण की जा रही हैं। इसका निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया जाएगा। इसके ले-आउट प्लान के सम्बन्ध में गुजरात विधि विज्ञान विश्वविद्यालय गांधीनगर तथा अन्य स्थानों पर स्थित इस प्रकार की संस्थाओं से प्राप्त सूचनाओं और सुझावों का समन्वय करते हुए कार्यवाही की जा रही है।
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