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देवघर एम्स में अक्टूबर-नवंबर महीने से शुरू हो जाएगा ओपीडी

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सिटी पोस्ट लाइव, देवघर: लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर केंद्र एवं राज्य सरकार की पहल पर जिले के देवीपुर में बन रहे एम्स निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। आने वाले दिनों में जल्द ही लोगों को एम्स में ओपीडी की सुविधा मिलने लगेगी। इस बात की जानकारी देते हुए देवघर एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ सौरभ वार्ष्णेय ने बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर कार्य में धीमी आई है। लेकिन हमारी कोशिश है कि अक्टूबर , नवंबर महीने तक एम्स की ओपीडी को आरंभ कर दिया जाए। इसके लिए स्थल का भी चयन किया जा रहा है। अगर देवीपुर में ओपीडी निर्माण पूरा हो जाता है।  तो वहीं पर ओपीडी की शुरुआत की जाएगी । नहीं तो अन्य स्थलों का चयन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ओपीडी के लिए तीन महत्वपूर्ण चीजों की जरूरत होती है।  जिसमें सबसे पहले स्थल दूसरे में उपकरण एवं तीसरे मैनपावर की जरूरत होती है। अभी स्थल की सबसे बड़ी समस्या है। 

एम्स के विषय में उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि एम्स का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के बाद पूरे ईस्ट जोन में यह सबसे अत्याधुनिक हॉस्पिटल बनकर तैयार होगा। इसमें लोगों को अत्याधुनिक चिकित्सा स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि किसी भी जगह में एम्स की स्थापना का मुख्य तीन उद्देश्य होता है।  जिसमें अति अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना, बेहतर शिक्षा प्रदान कर अच्छे चिकित्सक बनाना एवं नए-नए रिसर्च कर मेडिकल साइंस को नई तकनीक देना। इन तीन स्तंभों पर एम्स की टीम कार्य करती है। देवघर में बन रहे एम्स में केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन का भरपूर सहयोग हमें मिल रहा है। जिस कारण एम्स का कार्य तेजी से चल रहा है। देवघर में एम्स के लिए 187 पद स्वीकृत हैं।  जिसमें वर्तमान में  11 पदों पर लोग कार्यरत हैं और जल्द ही 4 पदों पर नियुक्ति होने वाली है। इसके बाद निर्माण कार्य होने के साथ-साथ सभी पदों पर भी रिक्तियों को भरने की तैयारी की जाएगी।
उन्होंने बताया कि एम्स के बन जाने से देवघर जिले के साथ-साथ देवघर से सटे बिहार बंगाल एवं समस्त झारखंड सहित पूरे ईस्ट जोन के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलेगा । जो मील का पत्थर साबित होगा। यहां से लोगों को बेहतर इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। देवघर में बनने वाले एम्स में 22 शल्यकक्ष जिसमें की दो आपातकालीन शल्यकक्ष होंगे 76 आईसीयू बेड का निर्माण कराया जाएगा। डॉ सौरभ वार्ष्णेय ने बताया कि पिछले साल सितंबर में 50 सीटों पर पंचायत प्रशिक्षण भवन में एम्स के पढ़ाई की शुरुआत की गई। वहीं इस साल भी 50 सीटों पर दाखिला दिया जाएगा और जल्द ही छात्रों को पढ़ाई पूरी कराने के बाद एम्स के लिए डॉक्टर तैयार किए जाएंगे।
एम्स के भवन का निर्माण कर रहे एनबीसीसी के चीफ जोनल मैनेजर सुमन कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार की यह बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है। जब एम्स पूरी तरह बनकर तैयार होगा तो इस क्षेत्र का सबसे अत्याधुनिक एम्स बनकर तैयार होगा। 246 एकड़ में 4 फेज में एम्स का निर्माण कार्य होना है। जिसमें अभी पहले फेज में कार्य चल रहा है। पहले फेज में 750 बेड का अस्पताल के साथ.साथ गर्ल्स हॉस्टलए बॉय हॉस्टलए के साथ.साथ शल्यकक्ष आईसीयू आदि का निर्माण कार्य किया जाएगा। इसमें 22 मंजिला भवन के साथ.साथ कई भवन का निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की आगे की नीति में 750 बेड को बढ़ाकर तीन हजार बेड का अस्पताल करने की योजना है। इसमें डायलिसिस आदि सभी प्रकार की सुविधा तैयार होंगी। इस मौके पर एम्स एडमिनिस्ट्रेशन के डिप्टी डायरेक्टर अमरेंद्र कुमार, अजय कुमार पटेल सहित अन्य अधिकारी मौजूद थें।

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