रांची : झारखंड में रोजाना नए मिलने वाले मरीजों की तुलना में कोरोना को मात देने वाले मरीजों की संख्या अधिक है। इसका सीधा असर राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या पर पड़ रहा है। एक्स्पर्ट का मानना है कि झारखंड में अब कोरोना की तीसरी लहर का पीक आ गया है। तीसरी लहर में जहां 99 प्रतिशत से ज्यादा मरीज घरों में ठीक हो रहे हैं। दूसरी तरफ केवल जनवरी के 26 दिनों में ही राज्य में 141 लोगों की मौत कोरोना से हो गई है। औसतन पांच से ज्यादा लोग कोरोना के कारण दम तोड़ रहे हैं।
नए साल के पहले दिन राज्य में कोरोना से मौत का कुल आंकड़ा लगभग 5141 का था। 26 जनवरी को यह आंकड़ा बढ़कर 5286 हो गया। एक जनवरी से 22 जनवरी तक लगातार इस आंकड़े में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। सबसे ज्यादा 50 लोगों की कोरोना से मौत 16-22 जनवरी के बीच हुई है। 23 से 27 जनवरी तक लगभग 25 लोगों की मौत हुई है।
को-मॉर्बिडिटी के कारण हो रही है मौतें
रिम्स के डॉक्टर का कहना है कि तीसरी लहर में कोरोना बिलकुल भी जानलेवा नहीं है। दूसरी लहर में जिस तरह से कोरोना के कारण लोगों का लंग्स प्रभावित हो रहा था और इसके कारण मौतें हो रहीं थी इस बार एक भी केस ऐसे नहीं है। इस बार जो भी मौतें है वो को-मॉर्बिडिटी के कारण हो रही हैं। इस बार लंग्स फेलियॉर से नहीं किडनी और हार्ट फेलियर के कारण से मौतें हो रही हैं। कुल एक्टिव मरीजों के लगभग 55 प्रतिशत केवल रांची में है।
पिछले 24 घंटे में झारखंड में कोरोना के 1009 नए मरीज मिले हैं। 2921 लोगों ने कोरोना को मात दी है। जबकि पांच लोगों की कोरोना से मौत हुई है। सबसे ज्यादा दो मौतें पूर्वी सिंहभूम में इसके अलावा बोकारो, धनबाद और सरायकेला में 1-1 मरीजों की मौत हुई है। राज्य में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या अब 13908 रह गई हैं। इसमें 7456 मरीज अकेले रांची में हैं।
Comments are closed.