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झारखंड में महिलाएं व बेटियां सुरक्षित नहीं : रघुवर दास

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य में महिलाएं व बेटियां सुरक्षित नहीं है। दास ने मंगलवार को कहा कि प्रायः प्रतिदिन राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में आदिवासी, दलित महिलाओं व बच्चियों के साथ हृदयविदारक, अमानवीय और बर्बरतापूर्वक साथ अत्याचार हो रहे हैं। चार वर्ष की बच्चियों से लेकर आश्रम में साध्वी तक सुरक्षित नहीं है। अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ। झारखंड पुलिस के आंकड़ों की माने तो जनवरी से जुलाई 2020 के बीच है झारखंड में 1033 बच्चियों के साथ दरिंदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई थी यानी प्रति दिन पांच बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना हो रही है। इनमें सबसे ज्यादा आदिवासी, दलित बच्चियां हैवानित की शिकार हो रही है। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री अक्षम हो, तो कानून-व्यवस्था की स्थिति कमजोर हो जाती है। इसका सबसे ज्यादा कुप्रभाव अनुसूचित जाति-जनजाति, दलित, आदिवासी, गरीब, पिछड़ों-वंचितों पर होता है। झारखंड में भी यही हो रहा है। आश्चर्य का विषय है कि मुख्यमंत्री के क्षेत्र में बार-बार घटनाएं हो रही है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है।

मीडिया में आ रही सूचना के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र में दो बच्चियों के साथ हैवानियत हुई। अपराधियों पर कार्रवाई करने की बजाय पुलिस मामले में लीपापोती का प्रयास कर रही है। उन्हीं के क्षेत्र में अपनी शिकायत लेकर आयी दलित लड़की के साथ एक थानेदार मारपीट और अभद्र व्यवहार करता है। लेकिन इस मामले में भी खानापूर्ति के अलावा कुछ नहीं हुआ। नाला में पिछले दिनों इलाज नहीं होने के कारण एक आदिवासी महिला अपनी बच्ची के साथ आग में जलकर जान दे देती है। ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं, लेकिन मुख्यमंत्री जी का दिल नहीं पसीज रहा है। दास ने कहा कि दूसरे राज्यों में हो रही घटना पर झामुमो-कांग्रेस के नेता तुरंत बयान देकर राजनीति कर रहे हैं, लेकिन झारखंड की घटना में उनके मुंह से एक शब्द नहीं फूट रहा है। दास ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन देश के खिलाफ काम करनेवाले नक्सली नेता के प्रति तो सहानुभूति रखते हैं, लेकिन झारखंड की महिलाओं व बच्चियों के प्रति उनकी सहानुभूति नहीं जगती है।

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