दुमका में दो दिवसीय बांस कारीगर मेला 18 सितंबर से
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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्योग विकास बोर्ड की ओर से राज्य के दुमका जिले में दो दिवसीय बांस कारीगर मेला 2019 का आयोजन किया जा रहा है। इसका आयोजन दुमका के आउटडोर स्टेडियम में 18 और 19 सितंबर को होगा। मेले का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर 18 सितंबर को दुमका में करेंगे। यह जानकारी बुधवार को सूचना भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्योग विभाग के सचिव के रवि कुमार ने दी। सचिव ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बांस के बागान, प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन क्षेत्रों में किसानों, कारीगरों, बांस आधारित उद्यमियों एवं भावी निवेशकों को एक केंद्रित मंच प्रदान करना है। इस संदर्भ में राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष से झारखंड राज्य बांस मिशन के तहत बांस के विकास के लिए वार्षिक कार्य योजना शुरू की है। यह कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय बांस दिवस 18 सितंबर से शुरू की जा रही है। उन्होंने बताया कि बांस कारीगर मेला में बांस के स्थाई बाजार विकसित करने के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डालने का कार्य किया जाएगा। इसके तहत वैज्ञानिक पौधरोपण और खेती अत्याधुनिक उपकरणों व मशीनों की मदद से प्रतिस्पर्धी मूल्यवर्धन के बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य भर में अपनी सर्वव्यापिता के कारण बांस हमेशा झारखंड का पर्याय रहा है। झारखंड के आदिवासी आबादी के जीवन यापन में जब महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राज्य सरकार बांस आधारित उत्पादों, इसके मूल्य संवर्धन और वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोत के रूप में बांस के उपयोग के लिए झारखंड को स्थानीय और वैश्विक स्तर पर स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि राज्य भर में बांस के लगभग 10 हजार कारीगर अपने उत्पादों को सीखने और दिखाने के लिए इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। यह कार्यक्रम विभिन्न क्षेत्रों में स्थाई उत्पाद बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और आधुनिक कला के उपयोग पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रसिद्ध कंपनियां बांस के क्षेत्र में झारखंड की क्षमता को समझने के लिए भाग लेंगी। इसका उद्देश्य स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना और आधुनिक कला और प्रौद्योगिकी के मिश्रण के साथ कारीगरों की पारंपरिक शिल्प कौशल को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि मेले में स्वीडन से आईकेइए, दुबई, नार्वे, अबू धाबी और कई यूरोपीय कंपनियों के खरीदार उपस्थित रहेंगे। इससे राज्य के आय को दोगुना करने के साथ-साथ आदिवासी आबादी के लिए आजीविका उत्पन्न करने में सहायक होगी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में पारंपरिक एवं आधुनिक शिल्प कौशल में सर्वश्रेष्ठ बांस कारीगरों को सुविधा प्रदान किया जा रहा है। इन श्रेणियों में पहले तीन कारीगरों को नगद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। प्रेस वार्ता में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक राम लखन प्रसाद गुप्ता सहित विभाग के कई अधिकारी उपस्थित थे।
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