सरकार के चार साल पर किसी ने बांधे तारीफों के पुल, तो किसी ने बताया नकारा
सिटी पोस्ट लाइव, बोकारो: झारखंड अलग राज्य गठन के 18 वर्षों में पहली बार झारखंड को स्थायी व बहुमत वाली सरकार मिली, जिससे प्रदेश को एक नयी दिशा व दशा मिली। झारखंड की इस रघुवर सरकार ने बिना किसी सियासी मुश्किल के आज अपने चार साल पूरे कर लिये हैं। इस चौथी वर्षगांठ पर सत्ता पक्ष के लोग स्वाभाविकतः अच्छी-अच्छी बातें ही करेंगे और कर ही रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष के लोग निःसंदेह खरी-खोटी ही सुनायें, लेकिन जनता जनार्दन ही असल प्रतिक्रिया दे सकती है। वह भी बिना किसी राजनीतिक विद्वेष या सियासी भावना के। रघुवर सरकार के चार वर्ष पूरे होने को लेकर बोकारोवासियों ने अपनी अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। समाज के विभिन्न वर्गों से आने वाले लोगों के साथ ‘हिस’ की खास बातचीत में भांति-भांति की प्रतिक्रियायें मिलीं। किसी ने सराहते हुए तारीफों के पुल बांधे, तो किसी ने समस्यायें गिनाते हुए सरकार के कार्यों में सुधार की जरूरत बतायी।
आइये नजर डालत हैं किसने क्या कहा-
आनंद कुमार, गुपचुप विक्रेता
चार वर्षों में जैसा था, वैसा ही है। महंगाई भी है और बाकी सभी चीजें जस की तस है। कोई खास सुधार नहीं हुआ।
डीडी सिंह, आटो चालक
विदेशी नीति पर हिन्दुस्तान नहीं चल सकती है। बहुत ऐसी चीजें हैं कि हम लोग नहीं समझ पाते हैं। हम आटो चालक हैं। एटीएम वेटीएम और कई तरह की इस तरह की चीजें हमें समझ में नहीं आतीं। कैशलेस से हम सभी को परेशानी होती है।
धनंजय चक्रवर्ती, संगीत शिक्षक
रघुवर सरकार प्रदेशहित व जनहित में बेहतरीन कार्य कर रही है। यह सही है कि कुछ अच्छा होता है तो थोड़ी-बहुत परेशानी भी आती है। इसके लिये सरकार को कोसने के बजाय हमें, साथ देना चाहिये। रघुवर सरकार में सड़क, पुल-पुलिया, फ्लाई ओवर से लेकर अन्य आधारभूत संरचनाओं के विकास में काफी तेजी आयी है। आशा है यही विकास-गति आगे भी जारी रहेगी।
अंकित सिंह, युवा समाजसेवी सह व्यवसायी
रघुवर दास झारखंड में अब तक के सबसे बेहतरीन सीएम हैं। उन्होंने करप्शन-फ्री गवर्नेंस, एजुकेटेड पीपल की दिशा में तो सकारात्मक कार्य किये ही, जनजातीय लोगों के हित में मिसाल पेश की है। इतना ही नहीं, व्यवसाय के लिये अवसर पैदा करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। मोमेंटम झारखंड सरीखे कई कार्यक्रमों का आयोजन कर उन्होंने औद्योगिक विकास में मील के पत्थर स्थापित किये हैं।
प्रदीप कुमार, समाजसेवी
सरकारी कार्य तो हुए हैं, पर विस्थापितों की समस्या जस की तस है। विस्थापितों के प्रति कोई सोचने वाला नहीं है। सरकार की उपलब्धियां भी हैं। पुल-पुलिया सड़क आदि के क्षेत्र में विकास तो हुआ है, परंतु अपेक्षित नहीं।
मनोज कुमार सिंह, समाजसेवी
चार वर्षों में विकास बहुत ही कम हुआ है। कोई खास विकास देखने को नहीं मिल रहा है। कुछ काम धरातल पर दिख रहा है, परंतु बहुत सारे काम पेंडिंग हैं। बोकारो स्टील प्लांट की जर्जर स्थिति है। सरकार का इस ओर ध्यान नहीं है।
आमीषा अग्रवाल, समाजसेवी
रघुवर सरकार ने महिलाओं के लिए कम काम किया है। महिलाएं रात को बाहर नहीं निकल सकती हैं जैसा कि बड़े शहरों में होता है। महिलाएं रात को 10 बजे तक आफिस से काम कर कर वापस लौटती हैं, परंतु यहां अंधेरा होते ही घर वापस जाना पड़ता है। महिलाओं के लिये अवसर भी कम मिले हैं। रोजगार के क्षेत्र में अवसर कम मिले।
प्रीति अग्रवाल, छात्रा
शिक्षा जगत में विकास बिल्कुल भी नहीं हुआ है। आज न तो यहां मेडिकल कालेज है और न ही यहां सीए की पढ़ाई के लिए कोई अच्छा कालेज है। झारखंड से कई बच्चे-बच्चियों को उच्चतम शिक्षा के लिए बाहर जाना पड़ता है। अगर रघुवर सरकार इस और पहल करती तो झारखंड से लोगों को शिक्षा के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
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