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अपने निर्वाचन क्षेत्र के नवाडीह इंटर कॉलेज में शिक्षामंत्री ने करवाया नामांकन

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: राज्य के शिक्षामंत्री जगरनाथ महतो ने आज बोकारो जिले के नावाडीह के देवी महतो स्मारक इंटर महाविद्यालय में कला संकाय में 11वीं में अपना नामांकन करवाया। इस दौरान खुद शिक्षामंत्री ने काउंटर में खड़े होकर छात्रों के साथ कागजात को जमा करते हुए दाखिला किया। महतो ने बताया कि 1995 में नेहरू उच्च विद्यालय तेलो से उन्होंने दसवीं की परीक्षा द्वितीय श्रेणी से पास की थी, लेकिन उसके बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। लेकिन जब वे शिक्षा मंत्री के रूप में शपथ ले रहे थे, तो उनके कुछ विरोधियों ने तंज कसते हुए दसवीं पास शिक्षा मंत्री कहा था, उसी दिन उन्होंने आगे की पढ़ाई करने का निर्णय लिया था। शिक्षामंत्री जगरनाथ महतो ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जनवरी महीने में जब उन्होंने विभाग का पदभार ग्रहण किया, तो कुछ लोगों ने दबी जुबान में यह टिप्पणी की कि दसवीं पास शिक्षामंत्री राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए क्या कदम उठा पाएगा, उसी दिन उन्होंने आगे की पढ़ाई करने का निर्णय ले लिया था।

उन्होंने कहा कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती, देश के आईएएस-आईपीएस समेत अन्य अधिकारी भी नौकरी करने के साथ आगे उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए पढ़ाई करते है, ऐसे में शिक्षामंत्री आगे की पढ़ाई के लिए कदम उठाता है, तो किसी को आश्चर्य करने की कोई बात नहीं है। जगरनाथ महतो ने बताया कि वे इंटरमीडिएट कला संकाय में अपना नामांकन कराएंगे।उन्होंने बताया कि वर्ष 2005 में जब वे पहली बार डुमरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत कर आये, तो पैतृक प्रखंड नवाडीह में कोई इंटर कॉलेज नहीं था, उनके प्रयास से ही नवाडीह प्रखंड में इंटर की पढ़ाई शुरू हो पायी और अब वे उसी कॉलेज में इंटर की पढ़ाई के लिए नामांकन लेंगे।

शिक्षामंत्री ने बताया कि राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए निरंतर प्रयासरत है, आज ही उन्होंने राज्यभर में 4416 आदर्श इंटर स्कूल स्थापित करने के लिए विभाग की एक संचिका पर हस्ताक्षर किया है। यह प्रस्ताव कैबिनेट में जाएगा और राज्य मंत्रिपरिषद से स्वीकृति मिलने के बाद राज्यभर में आदर्श स्कूल स्थापित कर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने बताया कि उनकी यह कोशिश है कि गरीब विद्यार्थियों को निःशुल्क बेहत्तर शिक्षा मिल सके, इसके लिए वे लगातार प्रयासरत है। जब वे विधायक बने है, गरीब बच्चों की उच्च शिक्षा पर होने वाले खर्च का वहन कर रहे हैं।

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