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हथियार छोड़ नक्सली करें सरेंडर अन्यथा उनका बचना नामुमकिन : डीआईजी

मुठभेड़ में टीपीसी तीन नक्सली ढेर, एके-47, इंसास राइफल और चाइनीज पिस्टल सहित भारी संख्या में कारतूस बरामद

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हथियार छोड़ नक्सली करें सरेंडर अन्यथा उनका बचना नामुमकिन : डीआईजी

सिटी पोस्ट लाइव, हजारीबाग: 90 बटालियन एवं चतरा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में जिले के केरेडारी थाना क्षेत्र के बुंडू के बहुतावर टोला में गुरुवार को तृतीय प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए तीनों नक्सलियों की पहचान कर ली गई है। हजारीबाग सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को नक्सलियों के शव सौंप दिए गए। हजारीबाग प्रक्षेत्र के डीआईजी पंकज कंबोज एवं सीआरपीएफ के डीआईजी सुरेश शर्मा ने एसपी कार्यालय में संयुक्त रूप से शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि घटनास्थल से एक एके-47, दो इंसास सहित कुल पांच हथियार बरामद किए गए हैं। इनमें से एक चाईनीज पिस्टल, जबकि एक देशी कट्टा भी शामिल हैं। घटनास्थल से एके-47, इंसास एवं 315 बोर के राईफल के 1227 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। इतना ही नहीं, घटनास्थल से 27 मोबाईल फोन, पांच मैगजिन होल्डर, इजराईल में निर्मित एक्स-95 राईफल की मैगजिन एवं 4920 रुपये बरामद किए गए हैं। उन्होंने बताया कि एके-47, इंसास व एक्स-95 पुलिस व सीआरपीएफ से लूटे गए हथियार हो सकते हैं, जिसकी जांच की जा रही है। उन्होंने एकबार फिर नक्सलियों को चेताया कि सरकार ने अच्छी सरेंडर पाॅलिसी बनाई है। इसके तहत नक्सली सरेंडर करें। नक्सली हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हों अन्यथा वे पकड़े जाएंगे या फिर मुठभेड़ में मारे जाएंगे। उन्होंने नक्सलियों के परिजनों से भी दबाव बनाकर सरेंडर करवाने की बात कही। ऐसा नहीं होने पर परिजन उनके शव को ले जाने के लिए बाध्य होंगे। डीआईजी पंकज कंबोज ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान पुलिस व सीआरपीएफ की ओर से करीब 400 राउंड फायरिंग की गई है। इसी प्रकार नक्सलियों की ओर से भी करीब 200 राउंड से अधिक फायर किए गए। मुठभेड़ करीब 30 से 35 मिनट तक चला। एसपी अखिलेश बी वैरियर ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान कई अन्य नक्सलियों को भी गोली लगी है। हालांकि ऐसे लोग घटनास्थल से फरार हो गए। उन्होंने बताया गया कि जागेश्वर गंझू उर्फ जग्गु गंझू पहले भी एकबार पुलिस से बच निकला था। करीब तीन-चार माह पहले हजारीबाग पुलिस ने उसे घेर लिया था, तब वह मोटरसाइकिल छोड़कर भागने में सफल रहा।
पुरस्कृत किए जाएंगे छापेमारी में शामिल अधिकारी व जवान 
डीआईजी पंकज कंबोज ने बताया कि टीपीसी के दस्ते के खिलाफ मुठभेड़ में सफल कार्रवाई को लेकर छापेमारी में शामिल अधिकारियों व जवानों को पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस अभियान का नेतृत्व सीआरपीएफ 190 बटालियन के इंस्पेक्टर संजीत कुमार एवं टंडवा के स.अ.नि. सच्चिदानंद सिंह कर रहे थे। इनके साथ सीआरपीएफ के जवान हंशराज धीरू, सुग्रीवन कुमार सिंह, लियाकत अली एवं चतरा पुलिस बल के हवलदार उमेश सिंह, जवान सुभाष दास, रविन्द्र टोप्पो सहित अन्य छापेमारी दल में शामिल थे। टंडवा एसडीपीओ आशुतोष सत्यम इसकी माॅनिटरिंग कर रहे थे। पत्रकार वार्ता में हजारीबाग के एसपी मयूर पटेल, चतरा के पुलिस अधीक्षक अखिलेश बी वैरियर, सीआरपीएफ 190 बटालियन के कमांडेंट पीके बासन, सीआरपीएफ 22 बटालियन के कमांडेंट विष्णु गौतम, टूआईसी अजय कुमार, टंडवा एसडीपीओ आशुतोष सत्यम, सिमरिया एसडीपीओ सौरभ सहित कई अन्य उपस्थित थे।
क्या है घटनाक्रम
चतरा पुलिस व सीआरपीएफ 190 बटालियन की संयुक्त कार्रवाई में केरेडारी थाना क्षेत्र के बुंडू के बहुतावर टोला में टीपीसी के साथ हुए मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन में एके-47 व इंसास के साथ इजराईल में निर्मित लेजर लाईट युक्त एक्स-95 राईफल का मैगजिन मिला है। हालांकि एक्स-95 हथियार बरामद नहीं हुआ है। मैगजिन मिलने से यह स्पष्ट है कि टीपीसी नक्सली इस हथियार का उपयोग कर रहे हैं। डीआईजी और सीआरपीएफ के अधिकारी ने बताया कि इस हथियार से रात के अंधेरे में भी बेहतर उपयोग किया जा सकता है। पहली बार नक्सलियों द्वारा एक्स-95 के उपयोग की जानकारी मिली है। झारखंड जगुआर में इस हथियार का उपयोग किया जा रहा है। झारखंड जगुआर से ही इस हथियार को लूटे जाने की आशंका है। पुलिस इसकी जांच कर रही है।
आधा दर्जन मामले दर्ज हैं मारे गए जागेश्वर गंझू पर 
पुलिस व सीआरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई में मारे गए टीपीसी के एरिया कमांडर जागेश्वर गंझू पर आधा दर्जन मामले दर्ज हैं। डीआईजी पंकज कंबोज ने बताया कि बड़कागांव थाना में पांच मामले एवं रांची के बुड़मू थाना में एक मामला दर्ज है। जागेश्वर गंझू उर्फ जग्गू गंडू बड़कागांव थाना क्षेत्र के कोयलांग पतरा का रहने वाला है। जागेश्वर गंझू पिछले दो साल से संगठन में लगातार सक्रिय है। मुठभेड़ में मारे गए एक अन्य नक्सली प्रकाश महतो पिता नंदलाल महतो पीपरवार चतरा पर खलारी थाना क्षेत्र में 2012 में हत्या का एक मामला दर्ज है। तीसरे नक्सली की पहचान सुंदर गंझू पिता जलेश्वर गंझू के रूप में हुई है। वह रांची जिला के बुड़मू थाना क्षेत्र के सीरम गांव का रहने वाला है।

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