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आदिवासी व अन्य पिछड़े समुदायों के उत्थान के लिए कौशल विकास जरूरी: अर्जुन

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) झारखंड ने ट्राइफेड, यूएनडीपी इंडिया और सिटीजन फाउंडेशन के सहयोग से आज वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर ट्राइबल डेवलपमेंट मीट का तीसरा संस्करण आयोजित किया। भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा मुख्य अतिथि के रूप में इस वेबिनार में उपस्थित हुए । अपने संबोधन के दौरान, माननीय मंत्री ने सीआईआई को लगातार तीन वर्षों से आदिवासी मुद्दों पर ट्राइबल डेवलोपमेन्ट मेरे आयोजित करने और इसे सीआईआई के प्रमुख कार्यक्रम कैलेंडर का हिस्सा बनाने के लिए बधाई दी।

उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन समाज के पिछड़े वर्गों के युवाओं के विकास और रोजगार को सुनिश्चित करने के लिए एक सही रास्ता तय करने में एक बड़ी भूमिका निभा सकती है। “हमारी सरकार ने आदिवासी आबादी के उत्थान पर विशेष ध्यान दिया है“, श्री मुंडा ने कहा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार आदिवासी समुदाय के समग्र तरक्की और विकास की दिशा में विशेष पहल कर रही है ताकि वह भारत की विकास की कहानी में तेजी से हिस्सा ले सके। उन्होंने आदिवासी और अन्य पिछड़े समुदायों के उत्थान के लिए कौशल विकास की भूमिका पर भी विशेष जोर दिया। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) इंडिया के रेजिडेंट रिप्रेजेंटेटिव (कंट्री हेड)  शोको नोदा ने कहा कि “यूएनडीपी के लिए समावेशी विकास का मतलब है ’सभी के लिए समान अवसर और विकल्प’। आज के परामर्श ने हमें सतत विकास और आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए संभावित सहयोग का पता लगाने में मदद की जो ’कोई पीछे छूटे न’ की नीति में आधारित है  मैं कॉरपोरेट क्षेत्र के अपने मित्रों से अनुरोध करती  हूं कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनकी मौजूदा सीएसआर रणनीतियाँ आदिवासी समुदायों की विविध आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील हैं। मैं इस विशेषज्ञ समूह को साथ लाने के लिए ब्प्प् टीम को बधाई देना चाहूंगा जो हमारे आदिवासी समुदायों को समान अवसर सुनिश्चित कर सके, उनकी आवाज़ सुने और उनकी आकांक्षाओं को पूरा कर सके। ”

चाणक्य चौधरी, सीआईआई झारखंड राज्य परिषद और उपाध्यक्ष (कॉर्पोरेट सेवा), टाटा स्टील लिमिटेड के उपाध्यक्ष ने कहा कि सीआईआई झारखंड ट्राइबल डेवलपमेंट मीट का मंच ज्ञान साझा करने और जागरूकता सृजन के लिए एक बहुत उम्दा प्रयास है। यह सरकार, उद्योग और सिविल सोसायटी को एक साथ लाने के लिए एक पहल है, ताकि विकास के प्रासंगिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए साझेदारी बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि इस मंच का उद्देश्य है  अधिक  आदिवासी और दलित उद्यमियों को उभारके बहार लाना ताकि  झारखंड के आकांक्षी जिलों में समावेशी विकास हो सके। ट्राइबल डेवलपमेंट मीट में आदिवासी समुदायों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने और विकास की मुख्य धारा में आने के लिए उनके लिए एक रास्ता तैयार करने पर विशेष ध्यान दिया गया था। जनजातीय कार्यबल – रोजगार और उद्यमिता – योजनाएं और नीतियां; आदिवासी विकास – कौशल विकास और शिक्षा की भूमिका; सफलता की कहानियां  आदि इस वेबिनार के मुख्या आलोचना के विषय थे । इस महत्वपूर्ण मंच में 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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