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23 वें राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन में सहरसा की डीएम डॉ0 शैलजा शर्मा को सिल्वर एवार्ड

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 23 वें राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन में सहरसा की डीएम डॉ0 शैलजा शर्मा को सिल्वर एवार्ड

सिटी पोस्ट लाइवः मुम्बई में आयोजित 23वें राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन में जिला प्रशासन, सहरसा को लोक सेवाओं में ई-गवर्नेंस के माध्यम से नागरिकों को विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुँचाने में उत्कृष्ट एवं नवाचारी योगदान के लिए सिल्वर एवार्ड प्रदान किया गया जिसे सहरसा की जिलाधिकारी डॉ0 शैलजा शर्मा ने प्राप्त किया। राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में ई-गवर्नेंस के लिए दिया जाने वाला यह पुरस्कार सहरसा जिला के लिए हीं नहीं बल्कि बिहार राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि एवं गर्व का विषय है। जिलाधिकारी सहित जिला प्रशासन की टीम के परिकल्पना, संकल्प, परिश्रम एवं प्रशासनिक कुशलता से ही इसे साकार किया जा सका है। ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट कार्य करने एवं नवाचारी प्रयोग के लिए प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग, भारत सरकार तथा इलेक्ट्रोनिक एवं सूचना प्रोद्यौगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा व्यक्तियों, संस्थाओं, सरकारी एवं निजी क्षेत्र के लिए कई श्रेणियों में गोल्डेन एवं सिल्वर दो पुरस्कार प्रदान करने के लिए चयन किया जाता है।

सहरसा जिला प्रशासन को राज्य/केन्द्रशासित प्रदेशों में ई-गवर्नेंस के माध्यम से एण्ड टू एण्ड सर्विस डिलीवरी श्रेणी-3 में उत्कृष्ट एवं नवाचारी योगदान के लिए सिल्वर एवार्ड हेतु 15 सदस्यीय विशिष्ट पैनल जिसमे केंद्र सरकार के सचिव स्तर के पदाधिकारी, आईटी क्षेत्र के विशेषज्ञ, विशिष्ट शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों के द्वारा चयन किया गया। सहरसा जिला का बड़ा भू-भाग कोशी नदी के दोनों तटबंधों के बीच फैला हुआ है। कुल 122 राजस्व ग्राम कोशी तटबंध के भीतर अवस्थित है। कोशी नदी की प्रवृति है कि यह हर साल अपनी धारा बदलती रहती है। जिसके कारण इन क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं का अभाव है। आर्थिक रूप से अधिसंख्य आबादी कृषि पर निर्भर है। कृषक मजदूरों की बड़ी संख्या है, जो मजदूरी हेतु अन्यत्र पलायन करती है। जिले की साक्षरता 55 प्रतिशत है तथा डिजिटल साक्षरता और भी कम है। ऐसे में कृषि आधारित मजदूरों का पलायन रोकने, किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने, योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता लाते हुए विचैलियों का प्रभाव कम करने, स्वास्थ्य एवं शिक्षा की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करना एक बड़ा दायित्व है।

केंद्र एवं राज्य सरकार के सभी विभागों द्वारा चलाये जा रहे कल्याणकारी योजनाएं ऑनलाइन उपलब्ध है। लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम (आर.टी.पी.एस.) के अंतर्गत भी सभी सेवाएं ऑनलाईन हीं उपलब्ध है। सहरसा जिले में मात्र 13 पंचायतों में हीं पंचायत सरकार भवन उपलब्ध है जहाँ ऑनलाईन आवेदन की सुविधा है। प्रमाण-पत्र यथा-जाति, आवास, आय, जन्म एवं मृत्यु आदि सभी के लिए ऑनलाइन आवेदन का प्रावधान हैद्य मनरेगा योजना अन्तर्गत 101 प्रतिशत मजदूरों को रोजगार दिया गया जो राज्य में सर्वाधिक प्रतिशत है। किसानों की आय में वृद्धि हेतु प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना से 168282 किसानों को लाभ प्राप्त कराया गया। प्रधानमंत्री मान-धन योजना में 13373 किसानो को पंजीकृत किया गया जो राज्य में तीसरे स्थान पर है।

प्रधानमंत्री आवास योजना(ग्रामीण) के अन्तर्गत लक्ष्य के विरूद्ध 100 प्रतिशत आवासो की स्वीकृति दी गई है। यह उपलब्धि राज्य के मात्र 03 जिलो ने ही प्राप्त किया है। ससमय लक्ष्य प्राप्ति के कारण सहरसा जिला को अतिरिक्त लक्ष्य दिये गए हैं। गरीबों एवं मजदूर वर्ग के माताओं के बीच बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की दिशा में विशेष प्रयास के तहत प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना अन्तर्गत लगभग 100 प्रतिशत गर्भवती माताओं का पंजीयन कर लाभ दिलाया गया। प्रधानमंत्री जन अरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) अन्तर्गत 02 माह में 32 प्रतिशत लक्षित परिवारों को गोल्डन कार्ड प्रदान कराया गया। समेकित बाल विकास योजना के अन्तर्गत कॉमन एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर के माध्यम से 02 माह में 68 प्रतिशत घरो का सर्वेक्षण पूर्ण कर लिया। जिले का बड़ा भू-भाग बाढ़ प्रभावित है, जहाँ बाढ़ से लगभग प्रत्येक वर्ष बड़ी आबादी एवं कृषि प्रभावित होती है। गत् वर्ष आए बाढ़ में 60,000 परिवारों का ऑनलाईन आवेदन प्राप्त कर उन्हें त्वरित राहत दिलाया गया है।

आरटीपीएस के अंतर्गत जाति, आवास, आय, जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र, विभिन्न प्रकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, राशन कार्ड, ऑनलाईन म्यूटेशन, एल॰पी॰सी॰ आदि प्रमुख है। वर्ष 2018 में 3,84,726 लोगों को ये सेवाएं प्रदान की गई। नई व्यवस्था से वर्ष 2019 में 460657 लोगों को सेवाएं दी गई है जो लगभग 20 प्रतिशत अधिक है।जिला प्रशासन, सहरसा के द्वारा सभी पंचायतों में ऑनलाईन सुविधा हेतु आधारभूत संरचना के विकास हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। विशेषकर डिजिटल साक्षरता बढ़ाने की दिशा में मॉडल के रूप में ग्राम ’’धकजरी’’ को पूर्ण रूपेन डिजिटल साक्षर ग्राम बनाये जाने का लक्ष्य है। सर्व शिक्षा अभियान एवं प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजीटल साक्षरता मिशन के इंटीग्रेशन से साक्षरता एवं डिजीटली साक्षर अभियान चलाये जाने की कार्ययोजना तैयार की गई है।

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