चुनी गयी नई राज्य सरकारें जनता की अपेक्षाओं पर खरी उतरे : उरांव
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष दिनेश उरांव ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को अपने प्रारंभिक संबोधन में कहा कि देश के पांच राज्यों में नई सरकारें गठित हुई हैं और हम कामना करते हैं कि ये सरकारें जनता की अपेक्षाओं पर खरी उतरे। उरांव ने कहा कि राज्य में कोलेबिरा विधानसभा उपचुनाव संपन्न हो गया है और नमन विक्सल कोंगाड़ी को निर्वाचित होने की घोषणा उन्हें प्राप्त हुई है, हम उन्हें जीत के लिए बधाई देते हुए उम्मीद करते हैं कि वहां की जनता ने जिस उम्मीद के साथ इन्हें निर्वाचित किया है, वह उम्मीद पूरी हो | इस विस के शेष बचे हुए कार्यकाल का वे जनहित की पूर्ति के लिए अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि कुल तीन कार्य दिवस वाले इस वर्ष के अंतिम और शीतकालीन सत्र में सरकार इस वित्तीय वर्ष का दूसरा अनुपूरक बजट पेश करेगी, जिस पर चर्चा के माध्यम से आप सभी को सरकार की वित्तीय नीतियों और आम जनता के हित में सरकार की प्राथमिकताओं के मूल्यांकन के अवसर प्राप्त होंगे। इसी के साथ सदन में एक विनियोग विधेयक सहित कतिपय अन्य सरकारी विधेयकों पर चर्चा के अवसर भी प्राप्त होंगे। यद्यपि यह सत्र अवधि की दृष्टि से छोटा है, लेकिन इस सत्र में भी प्रश्नों, ध्यानाकर्षण, प्रस्तावों, विधायकों के गैर सरकारी संकल्पों पर विचार-विमर्श के जो अवसर प्राप्त होंगे, उनका यदि सार्थक उपयोग होता है, तो इस सत्र की व्यापक उपयोगिता सिद्ध हो सकेगी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र का यह तकाजा है कि सदन में उपलब्ध समय का भरपूर और सार्थक उपयोग हो। विचार विनिमय के माध्यम से किसी सवाल के समाधान तक पहुंचना इस व्यवस्था की सर्वाधिक महत्वपूर्ण विशेषता है। हम इस बात के साक्षी हैं हमारे पिछले कुछ सत्र अव्यवस्था की भेंट चढ़ गये। प्रश्नकाल से आरंभ होकर सभा के प्रत्येक दिन की कार्यवाही बाधित हुई। उन्होंने कहा कि वह इस तथ्य को दुहराते हुए कहना चाहते हैं कि जनता हमें इस सदन में ट्रस्टी बनाकर भेजती है। ट्रस्ट का अभिप्राय विश्वास से है। जनता ने हम पर विश्वास जताया है कि हम उनकी बातों को उनकी समस्याओं को सरकार के सामने रखकर उनके समाधान के रास्ते ढूंढेंगे। सदन में व्यवधान की वजह से जनता का यह विश्वास टूटता है, उनका विश्वास हम पर और संर्वागीण रूप में लोकतांत्रिक व्यवस्था में कायम रहे, इसके लिए यह आवश्यक है कि विधायी सदन सुचारू रूप से चले। उन्होंने कहा कि महात्मा बुद्ध ने जिस मध्यम मार्ग की बात कही थी, उसे सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष दोनों ही यदि आत्मसात कर लें, तो किसी भी समस्या के समाधान के लिए एक सम्यक मार्ग तक पहुंचने की परिकल्पना साकार हो सकेगी और हमारा लोकतंत्र पूर्णता की अवस्था को प्राप्त करने में सफल हो सकेगा। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन भी कल ही है। उनके प्रधानमंत्रित्व काल में ही झारखंड राज्य का निर्माण हुआ। उनका जीवन भी हमारे प्रकाशपुंज के समान है। आज के अवसर पर हम उनके प्रति भी अपनी श्रद्धा निवेदित करते हैं।
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