विधानसभा में 1117.12 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट पारित
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन बुधवार को शोर शराबे के बीच सदन ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए एक हजार एक सौ सत्तरह करोड़ बारह लाख का द्वितीय अनुपूरक बजट को ध्वनि मत से मंजूरी प्रदान कर दी। सदन में भोजनावकाश के बाद पारा शिक्षक के मामले पर विपक्ष लगातार अपनी मांगों को लेकर हंगामा करता रहा। इस दौरान सदन ने एक हजार एक सौ सत्तरह करोड़ बारह लाख से अधिक की अनुदान मांगों को ध्वनि मत से मंजूरी प्रदान कर दी। जबकि सदन ने प्रदीप यादव के कटौती प्रस्ताव को ध्वनि मत से नामंजूर कर दिया। सदन ने इसके साथ ही झारखंड विनियोग विधेयक 2018 को भी मंजूरी प्रदान कर दी। इसके अलावा सदन ने झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2018 तथा झारखंड माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2018 को भी ध्वनि मत से पारित कर दिया। राज्य सरकार ने सदन में कारखाना (झारखंड संशोधन) विधेयक 2017 तथा मजदूरी भुगतान (झारखंड संशोधन) विधेयक को वापस ले लिया। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने भोजनावकाश के बाद सदन में कहा कि पारा शिक्षकों के साथ अन्याय हो रहा है। सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए। राज्य के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन और प्रदीप यादव मुख्यमंत्री से पीछे में बोलते हैं कि पारा शिक्षकों को स्थायी नहीं करें, नहीं तो हमारी राजनीति समाप्त हो जायेगी। इसी बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक रवीन्द्र महतो, चंपई सोरेन सहित अन्य विधायक सदन के बीच में आकर नारेबाजी शुरू कर दी। विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने कहा कि राज्य सरकार ध्यानाकर्षण के माध्यम से बहस के लिए तैयार है, तो विपक्ष को इसमें भाग लेना चाहिए। राज्य के कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कहा कि जब हेमंत सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने पारा शिक्षकों के लिए कोई घोषणा नहीं की। इस दौरान विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते रहे। इसके बाद विधायी कार्य समाप्त होते ही विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही गुरुवार 11 बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी।
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