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सभी रिटायर कर्मियों को सेवांत लाभ तुरंत दें: रघुवर दास

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सभी रिटायर कर्मियों को सेवांत लाभ तुरंत दें : रघुवर दास

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सभी विभागों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि रिटायर होने वाले कर्मियों को समस्त देय लाभ का भुगतान रिटायरमेंट के दिन ही कर दिया जाये। मुख्यमंत्री मंगलवार को सूचना भवन स्थित जनसंवाद केंद्र में आयोजित सीधी बात के दौरान कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार ने पूर्व में ही आदेश जारी कर रखा है, लेकिन कई विभाग इसका अनुपालन नहीं कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कर्मियों की सेवानिवृत्ति के दो साल पूर्व से ही समस्त कागजी औपचारिकताएं शुरू कर दी जाएं, ताकि रिटायरमेंट के बाद पावनाओं और पेंशन आदि के भुगतान का कोई मामला लंबित न रहे। यह निर्देश उन्होंने ऊर्जा विभाग से आई एक शिकायत के आलोक में दिया। शिकायत में यह बताया गया है कि ब्रजमोहन प्रसाद शर्मा जो विद्युत आपूर्ति अवर प्रमंडल गोला, रामगढ़ से सहायक विद्युत अभियंता के पद से 31 जनवरी 2018 को सेवानिवृत्त हुए थे, की पेंशन अब तक शुरू नहीं की गयी है। सीएम ने संबन्धित विभाग के अधिकारी को एक सप्ताह के भीतर पेंशन का निर्धारण कर भुगतान शुरू कराने का आदेश दिया। इस दौरान उन्होंने कुल 16 मामलों की सुनवाई की और ज्यादातर मामलों में संबंधित विभागों और अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया। धनबाद के बैजनाथ प्रसाद ने शिकायत दर्ज कराई थी कि राजगंज प्रखंड में पैक्स की ओर से उपलब्ध कराये गये धान बीज की रोपनी के बाद समय पूर्व बाली निकल आने के चलते 2013-14 में किसानों की फसल बर्बाद हो गयी थी। इस मामले में यह बताया गया था कि बीज सप्लाई करने वाली कंपनी से रकम की रिकवरी कर किसानों को मुआवजे का भुगतान किया जाएगा, लेकिन अब तक भुगतान नहीं किया गया है। इस संबंध में विभागीय अधिकारी ने बताया कि प्रभावित किसानों की स्पष्ट संख्या की जानकारी नहीं होने के कारण भुगतान प्रक्रिया में विलंब हुआ था, जिसकी रिपोर्ट प्राप्त हो गयी है और वर्तमान में आवंटन भी उपलब्ध करा दिया गया है। इसपर मुख्यमंत्री ने उपायुक्त, धनबाद को सभी किसानों को चिन्हित करने की कार्रवाई शीघ्र पूरी करने एवं आवंटन की राशि प्राप्त होते ही तत्काल भुगतान सुनिश्चित करने का आदेश दिया। पश्चिमी-सिंहभूम के जिला आपूर्ति कार्यालय, चाईबासा में कार्यरत शंकर कुनकल, अर्चना खंडाईत सहित अन्य 18 कम्प्यूटर ऑपरेटरों को अक्टूबर 2016 से अक्टूबर 2017 तक का मानदेय भुगतान नहीं किए जाने का मामला सामने आया है। कार्यक्रम में उपस्थित खाद्य आपूर्ति सचिव ने इस बाबत जानकारी देते हुए बताया कि आवंटन की स्वीकृति कर दी गयी है और एक सप्ताह में सभी को बकाया मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा।
दुमका के राम कोल ने जनसंवाद में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके पिता चुड़का कोल की रैयती जमीन को बालिका उच्च विद्यालय, नकटी के निर्माण के लिए वर्ष 2004 में लिया गया था। जमीन के एवज में उनके पिता को नौकरी अथवा मुआवजा देने की बात कही गई थी, लेकिन अब तक किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिला है। इस संबंध में दुमका के उपायुक्त से पूछे जाने पर ज्ञात हुआ कि राम कोल के पिता ने सहमति से जमीन विद्यालय के निर्माण के लिए दी थी तथा उन्हें नौकरी अथवा मुआवजा के लिए लिखित में ऐसा कुछ नहीं दिया गया था। मुख्यमंत्री ने उपायुक्त के जवाब से सहमति जताई, हालांकि उन्होंने चुड़का कोल के परिवार की अवस्था को देखते हुए अपने स्तर से मुआवजा दिलाने की बात कही। जामताड़ा के लखन लाल मंडल हृदय रोग से ग्रसित हैं तथा वर्तमान में द मिशन हॉस्पिटल, दुर्गापुर में इलाजके लिए भर्ती हैं। मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के तहत इन्होंने अक्टूबर 2018 में सहायता राशि के लिए सिविल सर्जन कार्यालय, जामताड़ा में आवेदन दिया है। लेकिन, अबतक सहायता राशि नहीं मिली है। इस संबंध में विभागीय सचिव ने जानकारी दी कि इलाज के लिए आवंटन की राशि उपलब्ध करा दी गयी है। इसपर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जामताड़ा के उपायुक्त को यथाशीघ्र अस्पताल को राशि उपलब्ध कराने का आदेश दिया। सीधी बात में एक शिकायत रांची जिले से आई थी। शिकायतकर्ता अरुण कुमार सिंह ने यह शिकायत दर्ज कराई है कि वित्तीय वर्ष 2013-14 व 2014-15 में पेयजल एवं स्वच्छता स्वर्णरेखा वितरण प्रमंडल, रांची की ओर से कराये गए कार्य की बकाया राशि का भुगतान उन्हें अबतक नहीं किया गया है। इस संबंध में पूछे जाने पर विभागीय अधिकारी ने आवंटन नहीं होने की बात बताई। उन्होंने यह भी बताया कि तत्काल में नगर निगम से राशि की मांग की गयी है तथा अप्रैल में आवंटन प्राप्त होते ही नगर निगम को राशि वापस कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने विभाग के अधिकारी को नगर निगम के साथ पत्राचार के माध्यम से राशि प्राप्त कर भुगतान कराने का निर्देश दिया। सीधी बात में संवेदक के भुगतान से जुड़ी एक अन्य शिकायत बोकारो जिले से प्राप्त हुए थी। शिकायतकर्ता शिप्रा प्रसाद ने यह शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके पति सिद्धेश्वर प्रसाद द्वारा वर्ष 2005-06 में बोकारो स्टील सिटी कॉलेज, बोकारो में पुस्तकालय भवन निर्माण और छत मरम्मत का कार्य किया था। कार्य के एवज में अब तक पूरी राशि का भुगतान नहीं किया गया है। इस बीच उनके पति की मृत्यु हो गयी। इस संबंध में विभागीय अधिकारी ने बताया कि यूनिवर्सिटी को राशि उपलब्ध करा दी गयी है और साथ ही आश्वासन दिया कि एक सप्ताह के भीतर बकाया राशि भुगतान कर दिया जाएगा। बोकारो के राजकीय पोलिटेकनिक, खुटरी जैनामोड़, में रात्रि प्रहरी के रुप में कार्यरत गणेश कुमार महतो को 08 अगस्त 1998 से 29 अगस्त 2002 तक का बकाया पारिश्रमिक का भुगतान अबतक नहीं किया गया है। इस संबंध में म उच्च न्यायालय की तरफ से गणेश कुमार महतो के पक्ष में आदेश भी पारित हुआ था, परंतु अब तक बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है। इसपर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह के मामलों में किसी को न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की आवश्यकता क्यों पड़ रही है? इस संबंध में विभागीय अधिकारी ने जानकारी दी कि शिकायतकर्ता के बकाया वेतन की गणना विवरणी प्राप्त हो गयी है और एक सप्ताह में बकाया राशि का भुगतान करा देने का आश्वासन दिया।
चतरा के धीरज कुमार मिश्रा की 7 सितम्बर 2015 को हत्या कर शव को गांव के एक कुएं में डाल दिया गया। मृतक के परिजनों ने 7 सितम्बर 2015 को लिखित आवेदन देकर चार नामजद अभियुक्तों के विरुद्ध प्रतापपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस संबंध में चतरा के एसपी ने बताया कि अनुसंधान के क्रम में अब तक आरोपित व्यक्तियों के विरुद्ध कोई साक्ष्य नहीं पाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि अनुसंधान के दौरान अन्य नए लोगों (संजय मिश्रा, भूपेन्द्र मिश्रा, भीम सिंह व सुधीर सिंह) का नाम प्रकाश में आया है, परंतु इन लोगों के खिलाफ भी अब तक कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला है, हालांकि साक्ष्यों का संकलन किया जा रहा है। दास ने आशंका जताई कि त्वरित कार्रवाई नहीं होने पर साक्ष्यों के छेड़-छाड़ हो सकती है, अतः उन्होंने एसपी को मामले में गतिशीलता लाने का निर्देश दिया। चतरा के उप-स्वास्थ्य केंद्र, शहरजाम के भवन की स्थिति अत्यंत जर्जर की वजह से पेड़ के नीचे मरीजों का इलाज किए जाने का मामला सीधी बात में उठा था। इस संबंध में चतरा के उपायुक्त ने बताया कि वर्तमान में उक्त भवन को ध्वस्त कर दिया गया है तथा उप-स्वास्थ्य केंद्र को नजदीकी पंचायत सचिवालय में शिफ्ट कर दिया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि उप-स्वास्थ्य केंद्र के लिए नए भवन का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इस बात की पुष्टि शिकायतकर्ता जितेंद्र रजक ने भी मुख्यमंत्री रघुवर दास के समक्ष की। दास ने उपायुक्त को भवन निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूर्ण कराने का निर्देश दिया। 

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