सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: मीन अधिग्रहण के मुआवजे और स्थानीय मजदूरों को रोजगार को लेकर पतरातु विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड विवादों में घिर गया है। अब रामगढ़ जिला प्रशासन पीवीयूएनएल के कार्यों की समीक्षा करने लगा है। शनिवार को डीसी संदीप सिंह ने बताया कि पीवीयूएनएल में फैसिलिटेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी। कंपनी अनिवार्य रूप से स्थानीय मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए बाध्य है। उन्होंने कहा कि फैसिलिटेशन सेंटर में मजदूर रोजगार के लिए अपना आवेदन देंगे। कंपनी को जब भी मजदूरों की जरूरत होगी, तो वे सबसे पहले उन्हें मजदूरों को प्राथमिकता देंगे। इसके बाद ही वह बाहर से मजदूर लाएंगे। डीसी ने कहा कि जमीन अधिग्रहण का मुद्दा भी काफी गंभीर है। विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा ने कंपनी पर यह आरोप लगाया है, कि लोगों की जमीन है प्लांट के लिए ली गई थी। लेकिन उसका मुआवजा अभी तक नहीं मिला है। अब इस विवाद को भी सुलझाना बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भू अर्जन पदाधिकारी, पतरातू अंचल अधिकारी को आदेश दिया गया है कि वे जमीन अधिग्रहण से संबंधित सारे दस्तावेजों की छानबीन करें।
प्लांट में कुल 2100 मजदूरों में 1400 पतरातू के हैं
पीवीयूएनएल के प्रतिनिधि के रूप में वाई. देवाशीष ने डीसी को बताया कि पीवीयूएनएल के अंतर्गत लगभग 2100 कर्मी कार्यरत हैं। जिनमें स्थानीयता को प्राथमिकता देते हुए पतरातू क्षेत्र से 1400 श्रमिकों को रखा गया है। झारखंड राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों से 300 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
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निर्माण सामग्री के लिए पतरातू 45 एजेंसी चिन्हित
वाई. देवाशीष ने बताया कि निर्माण सामग्री की पूर्ति हेतु पतरातू क्षेत्र से 45 एजेंसी चिन्हित की गई है। झारखंड राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों से 17 एजेंसियों को चिन्हित किया गया है। जिनमें झारखंड राज्य से बाहर की कोई भी एजेंसी शामिल नहीं है। इसके अलावा सब एजेंसी के रूप में पतरातू क्षेत्र से 45, झारखंड राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों से 11 एजेंसीयों को चिन्हित किया गया है।
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