सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: प्रदेश के सबसे बड़े बिजली घर निशा मिल पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड में विस्थापितों का विवाद बढ़ता ही जा रहा है। 15 दिन पहले धरना पर बैठे विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा के सदस्यों पर पुलिस ने लाठीचार्ज की और पतरातू क्षेत्र में निषेधाज्ञा भी लगा दिया। पिछले 6 दिनों से अनशन पर बैठे विस्थापित ग्रामीणों ने कहा है कि अगर 48 घंटे में सरकार और पीवीयूएनएल प्रबंधन उन लोगों की मांगों को पूरा नहीं करता है, तो ग्रामीण आत्मदाह करने पर मजबूर होंगे।
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जिला प्रशासन की दमनकारी नीति के बाद विस्थापितों ने आंदोलन का नया रास्ता अपना लिया। 25 गांव के लोग अपने अपने घरों में ही अनशन पर बैठ गए। अब पिछले 6 दिनों से जारी यह अनशन गंभीर होता जा रहा है। अनशन पर बैठे दो ग्रामीणों की हालत भी खराब होती जा रही है। सोमवार को बलकुदरा निवासी डोली देवी और एक अन्य महिला को स्वास्थ्य कर्मियों ने सदर अस्पताल में भर्ती कराया है। अनशन पर बैठे लोगों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक नौकरी और मुआवजे की मांग पूरी नहीं होती है, अपना आंदोलन बंद नहीं करेंगे। विस्थापितों के नेता किशोर यादव ने बताया 25 गांव के विस्थापित लगातार अनशन पर बैठे हैं। जिला प्रशासन और सरकार के लोग अब तक सुध लेने नहीं पहुंचे हैं। अनशनकारियों की हालत खराब होती जा रही है। 2 दिन के बाद अनशनकारियों की हालत और खराब हो जाएगी। किशोर यादव ने कहा है कि विस्थापित परिवार अब सड़क पर उतर कर आत्मदाह करेंगे। इसकी जवाबदेही रामगढ़ प्रशासन और सरकार की होगी।
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