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प्रयागराज कुम्भ में दर्शकों को लुभा रहा है झारखण्ड पर्यटन मंडप

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प्रयागराज कुम्भ में दर्शकों को लुभा रहा है झारखण्ड पर्यटन मंडप

प्रयागराज/रांची: कुम्भ मेला प्रयागराज 2019 एक बार फिर शाही स्नान के लिए तैयार है। मान्यता है की मौनी अमावस्या कुम्भ के शाही स्नान में प्रमुख है| इस वर्ष मौनी अमावस्या में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना ज्यादा है| झारखण्ड पर्यटन विभाग ने कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को प्रदेश की परंपरा, संस्कृति और पर्यटन स्थल से रूबरू कराने के लिए झारखण्ड पर्यटन मंडप प्रदर्शित किया है| जिसमे कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं की रूचि वृहत्त स्तर पर देखी जा रही है| मंडप में आने वाले श्रद्धालु झारखण्ड की ट्राइबल ज्यूलरी, टेरा कोटा ज्यूलरी, व्यंजन, जूट क्राफ्ट आदि से रूबरू हो रहे हैं| वहीँ मंडप में आने वाले श्रद्धालु झारखण्ड के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन श्रावणी मेले की जानकारियां ले रहे हैं| सावन मास में होने वाले इस आयोजन में देश विदेश के करोड़ो कांवरियां बाबा वैद्यनाथ में जलाभिषेक करने झारखण्ड के देवघर में एकत्रित होते हैं| वैद्यनाथ मन्दिर, देवघर द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक ज्योतिर्लिंग का पुराणकालीन मन्दिर है जो झारखंड राज्य में अतिप्रसिद्ध देवघर नामक स्थान पर स्थित है| पवित्र तीर्थ होने के कारण लोग इसे वैद्यनाथ धाम भी कहते हैं। जहाँ पर यह मन्दिर स्थित है उस स्थान को देवघर अर्थात देवताओं का घर कहते हैं। बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग स्थित होने के कारण इस स्थान को देवघर नाम मिला है। यह ज्योतिर्लिंग एक सिद्धपीठ है। कहा जाता है कि यहाँ पर आने वालों की सारी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। इस कारण इस लिंग को कामना लिंग भी कहा जाता हैं। देवघर में बाबा भोलेनाथ का अत्यन्त पवित्र और भव्य मन्दिर स्थित है। हर साल सावन के महीने में श्रद्धालु बोल-बम बोल-बम का जयकारा लगाते हुए बाबा भोलेनाथ के दर्शन करने जाते है। ये सभी श्रद्धालु सुल्तानगंज से पवित्र गंगा का जल लेकर लगभग सौ किलोमीटर की अत्यन्त कठिन पैदल यात्रा कर बाबा को जल चढाते है।

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