सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव नेकहा है कि भारतीय क्षेत्र में चीन की घुसपैठ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिये गये बयान से भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि सीमा पर से आ रही खबरों के अनुसार प्रधानमंत्री का यह दावा कि चीन ने कभी भी भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ नहीं की हैऔर न ही वह किसी क्षेत्र पर कब्जा कर रहा है, प्रधानमंत्री का यह दावापूरी तरह सेदेश की जनता को गुमराह करने वाला है। रांची स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि पार्टी प्रधानमंत्री से यह पूछना चाहती है कि वे चीन के लिए एक विशेष नरम स्थान क्यों रखना चाहते है। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में जनता ने नरेंद्र मोदी की चार चीनी यात्राओं को निकट से देखा है, वह देश के एकमात्र प्रधानमंत्री है, जो 5 बार चीन का दौरा कर चुके है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी कोचीनी कंपनियों से उनके पीएम कार्स फंड में दान के तथ्य प्राप्त हुए हैं। रिपोर्ट बताती है कि 20 मई 2020 तक पीएम नरेंद्र मोदी को विवादास्पद कोष में 9678 करोड़ रुपये मिले हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि ये सारी राशि चीनी कंपनियों से फंड में प्राप्त हुआ है। रामेश्वर उरांव ने प्रधानमंत्री से यह पूछा है कि वर्ष 2013 में चीन की शत्रुता के बावजूद पीएम नरेंद्र मोदी ने फंड में चीनी धन क्यों प्राप्त किया है? प्रधानमंत्री को यह बताना चाहिए कि क्या विवादास्पद चीनी कंपनी हुआवाई से पीएम को 7 करोड़ रुपये मिले हैं? क्या हुआवाई का पीपुल्स लिबरेशन आर्मी, चीन के साथ सीधा संबंध है? क्या चीन की कंपनी टिक्कॉक के पास विवादास्पद पीएम कार्स फंड के लिए 30 करोड़ रुपये के दान की सुविधा है?
क्या पेटीएम ने विवादास्पद कोष में 100 करोड़ रुपये का 38प्रतिशत चीनी स्वामित्व दिया है? क्या ज्यामोई चीनी कंपनी, ने विवादास्पद कोष को 15 करोड़ रु दिये, क्या चीनी कंपनी ओपो ने इस विवादास्पद कोष में 1 करोड़ रुपये का दान दिया है? क्या प्रधानमंत्री मोदी ने पीएमएनआरएफ में प्राप्त दान को विवादास्पद पीएम कार्स फंड में डायवर्ट कर दिया है और कितनी सौ करोड़ की राशि डायवर्ट की गई है? उन्होंने कहा कि यदि भारत के प्रधान मंत्री विवादास्पद और अपारदर्शी कोष में चीनी कंपनियों से सैकड़ों करोड़ के दान को स्वीकार करके अपनी स्थिति से समझौता करेंगे, तो वह चीन के खिलाफ आंदोलन का विरोध कैसे करेंगे?
डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि पूर्ववर्ती राज्य सरकार में फिजुलखर्जी और भ्रष्टाचार के आरोप सही साबित हो रहे है। पैसे को मेटेरियल के रूप में खर्च किया गया। उन्होंने बताया कि 29 जून को राज्य मुख्यालय और सभी जिला मुख्यालयों मेंपेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी के खिलाफ एकदिवसीय धरना दिया जाएगा। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, मानस सिन्हा, प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, राजेश गुप्ता और लाल किशोरनाथ शाहदेव भी उपस्थित थे।
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