सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: जिले के स्वास्थ्य विभाग में काम कर रही आउटसोर्सिंग कंपनी ने 44 पॉइंट लाइन वर्कर्स को काम से निकाल दिया है। यह मामला शुक्रवार को तब सामने आया जब कर्मचारियों ने डीसी और सिविल सर्जन को ज्ञापन सौंपा। आउटसोर्सिंग कंपनी शिवा प्रोडक्शन के खिलाफ आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष कमलेश महतो ने बताया कि आउटसोर्सिंग कंपनी के तहत फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में रामगढ़, मांडू, गोला और पतरातू प्रखंड में 417 कर्मचारी काम कर रहे थे। रामगढ़ सदर अस्पताल और सीएचसी से 10, गोला प्रखंड से 19, मांडू प्रखंड से 10 और पतरातू प्रखंड से 5 कर्मचारियों को निष्कासित कर दिया गया है।
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कमलेश महतो ने कहा कि जिले के पीएचसी, सीएचसी, एपीईएचसी, एचएससी में स्वास्थ्य कर्मी, ड्रेसर लैब टेक्नीशियन, पोट्टी असिस्टेंट, एएनएम, जीएनएम, सफाई कर्मी, ड्राइवर लोगों को काम करने के बावजूद आउटसोर्सिंग कंपनी के द्वारा 7 माह से वेतन नहीं दिया गया। जिससे सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ उनके परिवार भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। वेतन मांगने पर झारखंड काउंसिल के रजिस्ट्रेशन का बहाना कर शिवा प्रोडक्शन के द्वारा चुन-चुन कर निष्कासित किया जा रहा। जबकि सिविल सर्जन ने पहले ही निष्कासन के कार्यों पर पाबंदी लगा रखी थी। आउटसोर्सिंग कर्मचारी कोरोना महामारी में अपना जान को जोखिम में डालकर इमानदारी पूर्वक काम किया। लेकिन कंपनी के द्वारा निष्कासित करने का पत्र जारी किया गया है, जो सभी कोरोना योद्धा के लिए उचित नहीं है। ज्ञापन सौंपने गए लोगों में मनोज महतो, उमेश कुमार, शंकर कुमार, दीपक पटेल, रमेंद्र कुमार, पंचानंद, फुल कुमारी, सविता देवी, उर्मिला देवी, सुरेंद्र प्रसाद महतो, कर्म महतो एवं सैकड़ों स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।
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