सिटी पोस्ट लाइव, रांची: कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की ने कहा है कि जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार करने और उसे ऑनलाइन अपडेट करने से लेकर एनआईसी में बैठे अपने लोगों के जरिए भूमि दस्तावेजों में ऑनलाइन छेड़छाड़ कराई जाती है। इस कार्य में अंचल कार्यालय से लेकर निबंधन कार्यालय और विभाग के कुछ लोगों की भूमिका संदिग्ध है। रजिस्टर-टू में छेड़छाड़ खतियान में नाम बदलने भूमि का नेचर बदलने के अलावा रसीद में खाता नंबर और प्लॉट नंबर के साथ छेड़छाड़ सहित कई ऐसे दस्तावेज है, जिसमें ऑनलाइन गड़बड़ी करने का सिलसिला लगातार जारी है।
उन्होंने गुरुवार को कहा कि रांची में फिलहाल नामकुम, कांके, नगड़ी,ओरमांझी और रातू इलाके में जमीन माफिया काफी सक्रिय है। रांची शहर में सैकड़ों लोगों के पास वैसे हुकुमनामा है जो पूरी तरह फर्जी है। इसी हुकुमनामा के जरिए जमीन स्वामित्व का दावा किया जाता है। तिर्की ने कहा कि राजधानी रांची में जमीन की कीमत अधिक होने के कारण जमीन की अवैध खरीद-बिक्री धोखाधड़ी और फ्रॉड की घटनाएं अधिक देखी जाती है। जमीन के गोरखधंधा के कारण आए दिन हत्याएं हो रही है जिस पर लगाम लगाया जाना अति आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि गैरही जमीन, भुइंहरी पहनाई, भुइंहरी महतोवाई, भुइंहरी डालिकतारी, भुइंहरी पनभोरा, भुइंहरी मुंडाइन अगर इतने किस्म का खतियान है तो अंचल से रसीद नहीं कट सकता। इतना ही नहीं इस नेचर के जमीन का रसीद उपायुक्त को भी काटने का अधिकार नहीं है। क्योंकि यह बेलगान जमीन है। 1996 में तत्कालीन रांची उपायुक्त राजीव कुमार के द्वारा निर्गत पत्र में सभी अंचल को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि रजिस्टर- टू में अंकित है तो उसे तत्काल प्रभाव से विलोपित किया जाए।
तिर्की ने कहा कि आदिवासी-मूलवासियों की जमीन का अंचलकार्यालय, रजिस्ट्री कार्यालय लूट का केंद्र बना हुआ है। अंचल मुख्यालय में ऑनलाइन किसी की जमीन किसी के नाम कर दिया जाना, जमीन के खाता,प्लॉट एवं रकबा में हेरा-फेरी रजिस्टर-टू का पन्ना को गायब कर दिया जाना, दस्तावेज को फाड़ देना, जमीन संबंधी मामलों में भ्रष्टाचार का बोलबाला है।
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