सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड राज्यपाल-सह-झारखण्ड राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि वर्तमान में नोवेल कोरोना वायरस के मद्देनजर विद्यार्थियों के सत्र नियमितीकरण के लिए ऑनलाइन क्लास ही विकल्प दिख रहा है। लेकिन इस क्रम में यह भी ध्यान रखना होगा कि बच्चों में नकल की कुप्रथा न विकसित हो। इस प्रकार परीक्षा लेने की दिशा में और ऐसा प्लेटफॉर्म विकसित करने पर ध्यान देगा जहां विद्यार्थी नकल न कर सके, चीटिंग न कर सके। राज्यपाल बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से विभिन्न विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक एवं प्रशासनिक कार्यों की समीक्षा कर रही थी। राज्यपाल ने विद्यार्थियों को बेहतर तरीके से ऑनलाइन क्लास लेने पर जोर दिया। उन्होंने ऑनलाइन क्लास में लगातार अनुपस्थित रहनेवाले विद्यार्थियों की समस्या सुनने और काउंसलिंग करने के लिए निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षक यूट्यूब पर भी अपने व्याख्यान को अपलोड कर सकते हैं ताकि आधिकाधिक विद्यार्थी लाभान्वित हो सकें।
राज्यपाल ने इस अवसर पर सभी विश्विद्यालयों के सत्र नियमितीकरण की समीक्षा की गई। इस अवसर पर चांसलर पोर्टल की भी समीक्षा की गई। राज्यपाल ने कहा कि कोरोनाकाल जैसी चुनौतीपूर्ण समय में विश्वविद्यालय सामाजिक दायित्वों का अहम भूमिका का निर्वहन कर सकता है। लोगों को कोविड के अनुकूल आचरण व व्यहवार करने हेतु प्रेरित कर सकते हैं। वैक्सीनेशन के लिये कैम्प के आयोजन और लोगों में जागरुकता लाने में विश्वविद्यालय प्रेरणादायी भूमिका का निर्वहन कर सकता है। विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा मास्क वितरण कार्यक्रम, एसओपी लेवल की जानकारी, ऑक्सीजन सिलेंडर वितरण, वैक्सीनेशन कार्यक्रम में दिये गए योगदानों की जानकारी दी। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित इस उच्चस्तरीय बैठक में अपर मुख्य सचिव, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के.के. खण्डेलवाल, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव शैलेश कुमार सिंह, राज्य में स्थित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति-प्रभारी कुलपति और अन्य पदाधिकारीगण मौजूद थे।
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