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सोशल मीडिया पर वायरल खबर का केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने किया खंडन, कहा- फर्जी है खबर

मुंडा ने कहा, अधिवक्ता वीरेंद्र महतो को जानता तक नहीं और न ही ऐसा कोई बयान दिया

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सोशल मीडिया पर वायरल खबर का केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने किया खंडन, कहा- फर्जी है खबर

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड में कुर्मी जाति को आदिवासी का दर्जा दिये जाने की मांग को समर्थन देने को लेकर सोशल मीडिया में वायरल हो रही खबर का केंद्रीय जनजाति कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने खंडन करते हुए इसे पूरी तरह फर्जी करार दिया है। रविवार को उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में धनबाद के किसी तथाकथित अधिवक्ता वीरेंद्र नाथ महतो एक फर्जी खबर चला रहे हैं। जिसमें दावा किया गया है कि मैंने उनके साथ आये एक प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले कुर्मियों को एसटी मिलेगा। यह खबर बिल्कुल फर्जी है। मुंडा ने कहा कि न तो शपथ ग्रहण से पहले और न ही बाद में मेरी मुलाकात महतो से हुई है। मैं वीरेंद्र नाथ महतो को जानता तक नहीं हूं और न ही मैंने ऐसा कोई बयान दिया है। ऐसी भ्रामक खबरों से जनता को सचेत रहना चाहिए। केंद्रीय मंत्री मुंडा सोशल मीडिया पर भी इसका जिक्र किया है। धनबाद के अधिवक्ता वीरेंद्र नाथ महतो ने सोशल मीडिया पर एक खबर जारी की है। उसमें कहा है कि मोदी कैबिनेट में जनजातीय मंत्रालय का प्रभार ग्रहण करने के बाद मेरी (अधिवक्ता वीरेंद्र नाथ महतो) अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल ने अर्जुन मुंडा से मुलाकात की। इस दौरान मुंडा ने कहा कि झारखंड के कुर्मियों को विधानसभा चुनाव के पहले एसटी का दर्जा दे दिया जायेगा। अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो विधानसभा चुनाव में कुर्मियों के बीच वोट मांगने नहीं जाऊंगा। कुर्मियों की यह मांग आजादी के बाद से ही रही है, परंतु कांग्रेस की सरकारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। मेरे मुख्यमंत्री के कार्यकाल में मैंने केंद्र को अनुशंसा भेज दी थी, लेकिन जनजातीय मंत्रालय के नकारात्मक रवैये से यह काम नहीं हो पाया था। अभी मैं इस मंत्रालय में आया हूं तो इस काम को 4 माह के अंदर में निपटा लूंगा। आदिवासियों के विरोध पर उन्होंने कहा कि झारखंड में संचालित ईसाई मिशनरियां कुर्मियों का विरोध कर रही हैं। वे चाहती हैं कि ईसाइयों की तरह कुर्मियों को भी दोहरा लाभ न मिले। इसके अलावा पूर्व में वैसे लोगों ने इसका विरोध किया था जो अभी सत्ता के शीर्ष पर बैठे हुए हैं। उनका तर्क था कि कुर्मियों को एसटी में शामिल होने से उनका जमीन औद्योगिकरण के लिए आसानी से नहीं लिया जा सकता है। मैं हमेशा से कुर्मियों का शुभचिंतक रहा हूं और उनकी मांग को इसबार जरूर पूरा करूंगा। ऐसा नहीं कर पाने पर कुर्मी समुदाय के लोग 2014 के परिणाम को दोहरा सकते हैं। मुझे इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी। इसके अलावा घटवार जाति को भी एसटी की सूची में शामिल करने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। झारखंड में जिसको जितना अधिकार मिलना चाहिए, उतना हम देने के लिए तैयार हैं। अधिवक्ता वीरेंद्र महतो ने दावा किया है शपथ ग्रहण समारोह के बाद धनबाद से दिल्ली गये प्रतिनिधिमंडल को मुंडा ने उपरोक्त बातें कही हैं।

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