सिटी पोस्ट लाइव, रांची: कोरोना संकट अभी भी जारी है। कई मरीजों का रिम्स में इलाज चल रहा है। इस बीच आज नौकरी से हटाये जाने के डर से रिम्स में सुबह से ही 125 नर्सेस ने जमकर हंगामा किया। इन नर्सेस का आरोप है कि इन्हें पहले नियमों की अनदेखी कर नियुक्त किया गया। एक महीने काम भी कराया गया। मेहनत से काम भी किया। अब जब कोविड के हालात नॉर्मल हैं तो हम लोगों को निकालने की तैयारी चल रही है। कहा जा रहा है कि इन्हें अब काम पर नहीं रखा जाएगा। कहा जा रहा है कि अब इनकी कोई जरूरत नहीं है। आरोप है कि नियुक्ति के समय हमलोगों को बताया गया था कि तीन महीने से 1 साल तक सेवा विस्तार दिया जाएगा। अब जब नियुक्त करने वाली कंस्लटेंसी कंपनी टीएंडएम से संपर्क कर रही हूं तो वहां के लोगों ने इस बात का जवाब नहीं दिया। वहीं, दूसरी ओर राज्य सरकार ने सोमवार को ही रिटायर होने वाले डॉक्टरों को कोविड के मद्देनजर 6 महीने का सेवा विस्तार दिया है। नर्सां ने बताया कि 1 महीने तक काम करवाया गया और अब कहा जा रहा है कि आपकी जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि एक महीना काम करने के बाद भी सैलरी नहीं मिली है। ना ही नियुक्ति पत्र दिया गया है। वहीं, विज्ञापन में लिखा गया था कि 3 माह से लेकर अधिकतम 1 साल तक के लिए नियुक्ति की जाएगी।
सोमवार की शाम रिम्स में कार्यरत आउटसोर्सिंग नर्स सुनीता केरकेट्टा की मौत भी हो गयी। रिम्स की सिस्टर इंचार्ज रामरेखा राय ने कहा कि सुनीता को कोरोना काल के दौरान अक्टूबर 2020 में एडवांस बिजनेस कॉरपोरेट के माध्यम से आउटसोर्सिंग पर बहाल किया गया था. सुनीता करीब 7 महीने तक रिम्स में काम कर चुकी थी. लोगों ने यह मांग किया है कि सुनीता के आश्रितों को राज्य सरकार उचित मुआवजा दें. साथ ही उनके आश्रितों को रोजगार देने पर भी विचार करें।
वहीं एडवांस बिजनेस कॉरपोरेट के सुपरवाइजर आलोक कुमार ने कहा कि कंपनी के द्वारा तत्काल अंतिम संस्कार के लिए कंपनी के द्वारा 20 हजार मृतक के आश्रित को दिया गया है. वही आगे भी कंपनी मृतक के परिवार को आर्थिक सहयोग को लेकर विचार कर रही है। गौरतलब है कि 2020 में नर्स पुन्यता कुजूर की मौत हुई है. जबकि 2021 रेजिडेंट डॉक्टर मोहम्मद सिराजुद्दीन, वार्ड अटेंडेंट सूरज, गार्ड महेंद्र करमाली, नर्स सुनीता केरकेट्टा और एक व्यक्ति की मौत हुई है।
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