ब्रह्माकुमारी संस्थान की संचालिक निर्मला बहन ने कहा कि भारत मातृ प्रधान भूमि
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: ब्रह्माकुमारी संस्थान की संचालिक निर्मला बहन ने कहा कि भारत मातृ प्रधान भूमि है। इसलिए वंदे मातरम् कहा जाता है। निर्मला बहन शनिवार को हरमू स्थित चौधरी बगान में आयोजित मदर्स-डे के कार्यक्रम में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि इस संसार में पुरुष प्रधान होते भी गायन-विद्या की देवी सरस्वती, धन की देवी लक्ष्मी एवं शक्ति की देवी दुर्गा को कहा जाता है। उन्होंने कहा कि यह यादगार भी परमात्मा पिता के दिव्य कर्तव्यों का प्रतीक है। भगवान के महावाक्य यदा यदाहि धर्मस्य के अनुसार निराकार शिव परमात्मा अपने वायदे के अनुसार इस धरा पर दिव्य अवतरण लेते हैं। अर्थात् निराकार शिव परमात्मा साकार मनुज तन का आधार लेते हैं, जो शिव मन्दिरों में नन्दी का प्रतीक है। कर्तव्य वाचक नाम प्रजापिता ब्रह्मा रखते हैं, जिसे ही आदम, एडम, आदिनाथ, मनु, विश्वकर्मा आदि नामों से जाना जाता है। ब्रह्मा मुख से रचना रचते अर्थात् ब्रह्मा के बच्चे ब्राह्मण रचते हैं। उन्होंने कहा कि रचयिता शिव परमात्मा हुए अतः ब्रह्मा मुख से रचने के कारण ही आध्यात्मिक भाषा में ब्रह्मा को मां भी कहा जाता है। ब्रह्मा मां द्वारा ही आदि रचना हुई। इसी कारण भगवान के साथ आज तक जो गायन महिमा ”त्वमेव माता, पिता, बन्धु सखा” आदि निराकार परमात्मा के मुख से जहान के सभी जीवात्माओं को सहज राजयोग और ईश्वरीय ज्ञान द्वारा पतित भ्रष्टाचारी दुःख की दुनिया को बदल श्रेष्ठाचारी, पावन दुनिया का पुनः स्थापना का कार्य कराते हैं। उन्होंने कहा कि इस आध्यात्मिक रहस्य को जानकर सभी आत्माएं अपने अतीत के खोये निधि ”पवित्रता, सुख, शांति, जो कि आत्माओं का जन्म सिद्ध अधिकार है, हर कोई लेने के लिए अपना पुरूषार्थ करें। यही वह वक्त चल रहा है, लेकिन याद रहे अभी नहीं तो कभी नहीं।
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