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आर्थिक तंगी से प्रतिदिन आत्महत्या की खबरें विचलित करने वाली है: बाबूलाल

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: बीजेपी विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि झारखंड में प्रतिदिन आ रही आत्महत्या की खबरें विचलित करने वाली है, साथ में चिंतनीय भी। बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को बताया कि आत्महत्या के अधिकांश मामलों की जद में कोरोना के कारण उपजी आर्थिक तंगी व परेशानी की बात सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि समस्याओं से घबराकर अपनी जीवनलीला ही समाप्त कर लेना कहीं से भी किसी समस्या का समाधान नहीं है। उल्टे उनके स्वजनों के लिए उनका यह गलत कदम आजीवन असहनीय पीड़ा का सबब बन जाता है।

वहीं राज्य सरकार भी रोजगार देने के मामले में पूरी तरह फिसड्डी साबित हुई है। मुख्यमंत्री जी, चाहे जो भी दंभ भर लें पंरतु हकीकत यही है कि केवल मनरेगा से सभी को रोजगार उपलब्ध कराना संभव ही नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार कहीं से भी रोजगार के अन्य विकल्पों को लेकर संवेदनशील नहीं दिख रही है। सरकार ने प्रवासी मजदूरों के आगमन के समय जिस तामझाम के साथ हवा-हवाई घोषनाएं की थी कि एक भी प्रवासियों को बाहर नहीं जाने देंगे एवं सभी को राज्य में ही रोजगार देंगे, सरकार की यह घोषणा खोदा पहाड़ और निकली चुहिया की कहावत को चरितार्थ कर रहा है। प्रतिदिन सैकड़ों प्रवासी मजदूर विभिन्न माध्यमों से उसी गति से वापस दूसरे राज्यों का रूख कर रहे हैं जिस तरह वे झारखंड आए थे। सरकार के पास कोई रोजगार व विजन ही नहीं है कि यह इस पर कुछ बोल पाए।

बाबूलाल मरांडी राज्य सरकार को प्रवासी मजदूरों की रवानगी के समय उसी तामझाम के साथ हरी झंडी दिखाते हुए प्रवासी मजदूरों व राज्य की जनता से हाथ जोड़कर माफी मांगनी चाहिए कि सरकार सभी को रोजगार देने में असक्षम हैं ? उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को रोजगार की दिशा में तत्काल कोई ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। वहीं अभिभावकों व लोगों से भी  आग्रह होगा कि वे लोग भी अपने बच्चों आदि का मनोबल बढ़ाईए। उनके साथ आत्मीयता से जुड़े, यह बुरा दौर भी आज नहीं तो कल निकलना ही है। थोड़ा संयम बरतने की जरूरत है।

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