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प्रखंड स्तर या जिला स्तर पर भी आने वाले रोगियों के समुचित इलाज की व्यवस्था करें : बन्ना गुप्ता

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि हृदय घात से सर्वाधिक लोगों की मौत सही समय में इलाज नहीं कराने से होती है। उन्होंने सभी सिविल सर्जनों को चेतावनी देते हुए कहा कि प्रखंड स्तर या जिला स्तर पर भी आने वाले रोगियों के समुचित इलाज की व्यवस्था करें। साथ ही ऐसे मरीजों को सीधे रिम्स रेफर न करें।

उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी बीमारियों को लेकर आने वाले मरीजों को भी अगर रिम्स रेफर किया जाता है और यह बात उनके संज्ञान में आती है तो वैसे डाक्टर एवं अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बन्ना गुप्ता बुधवार को रिम्म में विश्व हृदय दिवस पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। कार्यक्रम में ह्रदय को स्वस्थ रखने को लेकर कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं। गुप्ता ने बताया कि रिम्स में पहले से ही सर्वाधिक मरीजों की संख्या रहती है और छोटे-छोटे केस जब रिम्स में आ जाते हैं तो बड़ी बीमारियों के इलाज में लगे डॉक्टरों को परेशानी होती है। इस कारण डाक्टर पूरा समय नहीं दे पाते हैं।

इस अवसर पर रिम्स कार्डियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डा हेमंत नारायण ने बताया पूरे देश में 30 लाख मरीज सिर्फ हार्ट अटैक से मरते हैं, जबकि इस समस्या को खानपान और व्यायाम से दूर किया जा सकता है। लोगों में अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता पहले से तो बढ़ी है। पूर्ण रूप से स्वस्थ रहने के लिए लगातार बीपी और शुगर की जांच कराते रहना चाहिए। हार्ट अटैक आने पर लोगों को कम से कम दो घंटे का समय मिलता है और इस दो घंटे में अगर इलाज की सुविधा मिल जाए तो मरीज की जान बच सकती है।

उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि कार्डियोलॉजी की सुविधा सरकारी संस्थानों में सिर्फ रिम्स में ही उपलब्ध है। सीएचसी , पीएचसी व सदर अस्पताल में कार्डियोलॉजी की सुविधा मौजूद नहीं है। इस कारण लोगों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है जो एक बड़ी समस्या है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से उम्मीद जताई कि वे इन जगहों पर भी कार्डियक विशेषज्ञ की नियुक्ति करते हैं तो बड़ी संख्या में हृदय रोगियों को राहत मिल सकेगी। इस मौके पर रिम्स निदेशक डा कामेश्वर प्रसाद, डा अंशुल, डा राकेश कुमार, डा डीके सिन्हा सहित अन्य डाक्टर उपस्थित थे।

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