सिटी पोस्ट लाइव, देवघर: अभी साल भर भी नहीं गुजरे जब भवन निर्माण विभाग द्वारा देवघर सदर अस्पताल का लगभग एक करोड़ चालीस लाख की लागत से मरम्मती कराया गया था। किंतु हालात ऐसे हैं कि सदर अस्पताल के कई महत्वपूर्ण कक्ष में पानी का रिसाव हो रहा है। जिससे कार्य करना चिकित्सा कर्मियों को भारी पड़ रहा है। ज्ञात हो कि एमओयू के तहत सदर अस्पताल में संचालित हेल्थमेप डायग्नोस्टिक द्वारा लगातार कमरे में पानी के रिसाव की जानकारी उपाधीक्षक एवं सिविल सर्जन देवघर को अपने आवेदन में दिया। किन्तु अस्पताल प्रशासन आँखें मूंदे बैठा रहा।
हेल्थमेप द्वारा अपने कीमती मशीन के सुरक्षा हेतु अन्यत्र कमरा उपलब्ध कराने की भी मांग की किन्तु कोई असर न हुआ। वहीं,सदर अस्पताल भवन में संचालित होने वाला ड्रेसिंग रूम की हालत भी बदतर है । और पूरे कमरे में ऊपर बने बाथरूम का बदबूदार गंदा पानी का रिसाव निरन्तर हो रहा है । जिस कारण यहाँ बैठ कर मरीजों को चिकित्सीय सेवा करना कठिनतर बना हुआ है। सदर अस्पताल के बुनियादी सुविधाओं के इंतजाम देखकर यह लगता है कि इस अस्पताल को ईलाज की जरुरत है। ड्रेसिंग रुम में वयाप्त बदइंतजामी की गवाही दे रहे थे। ड्रेसिंग रुम में कार्यरत कर्मियों ने बताया कि इस बाबत कई बार अस्पताल प्रबंधन को लिखित सूचना दी जा चुकी है, लेकिन प्रबंधन ने अभी तक इस पर कोई कार्यवाई करना जरुरी नहीं समझा।
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उल्लेखनीय है कि इस बाबत भाजपा नेता नागेंद्र नाथ बलियासे ने डीसी देवघर को आवेदन देकर व्यवस्था में सुधार का अनुरोध भी किया है। मजेदार बात यह है कि जिला परिषद अध्यक्ष रीता देवी की अध्यक्षता में डीडीसी शैलेन्द्र कुमार लाल की उपस्थिति में हुए अस्पताल प्रबंधन समिति की बैठक में भवन निर्माण विभाग द्वारा कराए गए कार्यों में व्यापक अनियमितता बरते जाने की बात स्वीकारते हुए जाँच के लिए एक कमिटी बनाई गई है। जिसमें जिला परिषद अध्यक्ष सहित नगर आयुक्त देवघर ,सिविल सर्जन ,जिला अभियन्ता एवं ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियन्ता को शामिल किया गया है । जो निर्माण मरम्मती की जाँच करेंगे। ज्ञात हो कि अस्पताल प्रबंधन समिति के बैठक में भवन निर्माण विभाग द्वारा अधूरे कार्यों के विरुद्ध योजनागत सारी राशि की निकासी की बात भी स्वीकारी गयी है।
किंतु अबतक इस दिशा में कोई कारगर कार्यवाही होता नहीं दिख रहा है । जबकि कमिटी को एक सप्ताह के अंदर जाँच रिपोर्ट सौंप देना था। भाजपा नेता नागेंद्र नाथ बलियासे का कहना है कि अगर स्वास्थ्य प्रशासन एवं भवन निर्माण विभाग की मिलीभगत से मरम्मती के नाम पर लूट-खसोट की निष्पक्ष जाँच न हुई तो वे क्रमबद्द आंदोलन को बाध्य होंगे क्योंकि जिले के गरीब,असहाय जनता के लिए सदर अस्पताल ही स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एकमात्र संस्थान है जिसकी बदहाली के कारण सीधे-सीधे आम जनता ही प्रभावित होंगे।
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