विधान सभा राजनीतिक मंच नहीं बल्कि आम जनता के आकांक्षाओं का केंद्र : मुख्यमंत्री
मई 2019 में नया विधानसभा का भवन बनकर तैयार
विधान सभा राजनीतिक मंच नहीं बल्कि आम जनता के आकांक्षाओं का केंद्र : मुख्यमंत्री
सिटी पोस्ट लाइव, रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि विधान सभा राजनीतिक मंच नहीं बल्कि आम जनता के आकांक्षाओं का केंद्र है। दास ने गुरूवार को झारखंड विधानसभा परिसर धुर्वा में विधानसभा के 18 वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि आज भी इतने वर्षों के बाद झारखंड विधानसभा किराए पर चल रहा है। मैं जैसे ही राज्य का मुख्यमंत्री बना, मैंने तय किया कि हर हाल में विधानसभा भवन का निर्माण होगा और 15 जून 2015 को हमने इसकी शुरुआत की। हमारी सरकार जनता से जो कमिटमेंट करती है, जो वादा करती है, उसको पूरा करती है।मई 2019 में नया विधानसभा का भवन बनकर तैयार हो जाएगा। इस विधानसभा का मानसून सत्र नये विधान सभा भवन में आयोजित होगा । दास ने कहा कि झारखंड के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।अच्छी शिक्षा के प्रति युवा हुए हैं जागरूक। खेल के साथ साथ सभी क्षेत्रों में युवाओं ने छोड़ी है अपनी छाप। झारखंड वीरों की भूमि है । स्वतंत्रता आंदोलन का सबसे पहला अलख हमारे गरीब, आदिवासी पुरखों ने संथाल की धरती से भगवान बिरसा मुंडा की धरती से शुरु किया।हमारी सरकार ने तय किया कि भगवान बिरसा मुंडा जिस जेल में बंद थे, वहां भगवान बिरसा मुंडा की आदमकद मूर्ति ही नहीं, बल्कि स्वतंत्रता आंदोलन में जितने भी शहीद, चाहे वो हमारा आदिवासी हो, चाहे वो पंडित गनपत राय हो, मेंहदी राजा हो, शेख भिखारी हो, सभी की मूर्ति लगाएंगे, ताकि आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा मिल सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि परमवीर चक्र से सम्मानित एल्बर्ट एक्का हों या उसके बाद आज तक के शहीद वीर सपूतों की मूर्ति और उनकी जीवनी, उस बिरसा मुंडा के ठीक बगल जो पार्क है, वो शहीद स्मारक पार्क हम बनाएंगे। ताकि गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा के वीर जवान जो भारत माता की रक्षा में अपने प्राणों की आहूति दे दी, उनको इस शहीद स्मारक में जगह देकर उनको सम्मान देने का काम हमारी सरकार करेगी। वीर शहीदों ने जो देश के लिए बलिदान दिया है, उसके लिए हमारा फर्ज बनता है, हमें उसका कर्ज वापस करना है। शहीद स्मारक बनाकर सरकार उस कर्ज को वापस करेगी साथ ही साथ आने वाली पीढ़ी को देशभक्ति की नई प्रेरणा, नई भावना जगाने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि इस राज्य में उग्रवाद एक बड़ी समस्या थी। हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे पुलिस जवानों के कर्तव्यनिष्ठा के कारण जो उग्रवाद की समस्या थी आज लगभग समाप्ति की ओर हैं। इसके लिए मैं उन जवानों को नमन करता हूं और जो जवान आज भी बीहड़ों में उग्रवाद समाप्ति के लिए काम कर रहे हैं, इसके लिए उन्हें मैं सैल्यूट करता हूं। जो इस राज्य में उग्रवाद समाप्ति की दिशा में पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ लगे हैं। दास ने कहा कि राज्य सरकार ने ये निर्णय लिया है कि राज्य के पुलिसकर्मी और राज्य के निवासी जो पैरामिलिट्री या सेना के जवान हैं, अगर शहीद होते हैं, तो उनके गृह जिला में 12.5 डिसमिल जमीन हम उनके आवास के लिए देंगे। इसके अलावा 5 एकड़ जमीन खेती के लिए देंगे, ताकि हमारे वीर जवान शहीद का परिवार कहीं भटके नही.। हम सब का ऐसा प्रयास होना चाहिए की आने वाले समय में ऐसी विधानसभा बने, जहां शालीनता से संसदीय परंपराओं का निर्वाह से चलने वाला विधानसभा अगर देश में कोई हो तो वो झारखंड विधानसभा हो*
दास ने कहा कि संसद और विधायिका लोकतंत्र के आधार स्तंभ हैं। सांसदों तथा विधायकों का दायित्व यह सुनिश्चित करना है कि यह संस्थाएं मजबूत बनी रहे क्योंकि इन में किसी प्रकार की कमजोरी आने से जनता में भी संसदीय प्रणाली के प्रति आस्था में कमी आएगी.। भारत को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में जाना जाता है. हमें इस बात पर गर्व होना चाहिए कि आजादी के बाद से हम इसके लोकतांत्रिक स्वरूप को बरकरार रखने में सफल रहे हैं।अनुशासन तथा मर्यादा संसदीय लोकतंत्र का आधार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरों को सुनना तथा सुनने देना, प्रस्ताव रखना तथा विपक्ष को अपना पक्ष प्रस्तुत करने देना, जोरदार बहस करना लेकिन साथ ही दूसरों के नजरिए का भी भरपूर ध्यान रखना संसदीय प्रक्रिया का मूल तत्व है। उन्होंने पोटका विधायक श्रीमती मेनका सरदार को उत्कृष्ट विधायक चुने जाने पर उन्हें बहुत-बहुत बधाई। विधानसभा के अध्यक्ष को भी बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं, जो झारखंड विधानसभा के चार वर्ष कुशलतापूर्वक पूरे किए। नेता प्रतिपक्ष के साथ साथ सत्ता पक्ष और विरोधी पक्ष के विधायक, सभी को चार वर्ष जिम्मेदारी निभाने के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई।
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