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लालू यादव यादव की जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 19 फरवरी को

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए 19 फरवरी की अगली तारीख निर्धारित की है। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की बैंच ने मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से शपथ पत्र नहीं दायर करने की वजह से फैसला नहीं हो पाया। अब हाईकोर्ट ने मामले में अगली तिथि 19 फरवरी निर्धारित की है।

सुनवाई के दौरान लालू यादव की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में लालू यादव ने 11 जुलाई 1997 को आत्म समर्पन किया था और 29 अक्टूबर 1997 को उन्हें जमानत मिली थी। इसका मतलब 3 महीने से ज्यादा दिनों तक वे जेल में रहे। लेकिन सीबीआई इस पर विवाद कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि चारा घोटाले में लालू यादव जब-जब जेल गए हैं, उनकी तरफ से प्रोडक्शन दिया गया है। इसलिए लालू यादव द्वारा जितनी भी अवधि न्यायिक हिरासत में बिताई गई है, उसे जोड़ा जाए। सिब्बल ने अदालत को बिंदुवार जानकारी दी कि लालू यादव कब-कब जेल गए और कब-कब उनके द्वारा प्रोडक्शन दिया गया। अब तक लालू ने 28 महीने 29 दिन जेल की सलाखों के पीछे बिताए हैं।
वहीं सीबीआई ने अदालत में कहा कि 1997 में लालू यादव सिर्फ 91 दिनों तक ही जेल में थे और अब तक उन्होंने 27 महीने 6 दिन  न्यायिक हिरासत में बिताए हैं।  दोनों पक्षों द्वारा अदालत को बताई गई हिरासत अवधि में 28 दिनों का अंतर है। सीबीआई ने अदालत में दायर किये गए अपने जवाब में कहा है कि लालू यादव जिस मामले में जमानत की मांग कर रहे हैं, उसमें सीबीआई कोर्ट द्वारा मुकर्रर सजा की आधी अवधि भी पूरी नहीं हुई है।
इसके अलावा सीबीआई ने सीआरपीसी की धारा 427 का मामला भी अपने जवाब के उठाया। मामले में सीबीआई का कहना है कि दुमका कोषागार से जुड़े मामले में लालू यादव एक दिन भी जेल में नहीं रहे हैं। सीबीआई ने सीआरपीसी की जिस धारा (427) का जिक्र किया है, उसके तहत किसी व्यक्ति को अगर एक तरह के मामले में कई बार सजा मिली है तो निचली अदालत द्वारा अपने आदेश में यह स्पष्ट किया जाता है कि उक्त सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी, जबकि सीबीआई का दावा है कि लालू यादव की ओर से निचली अदालत में इस तरह कोई आदेश नहीं दिया गया है। इसी आधार पर सीबीआई का कहना है कि लालू यादव ने दुमका कोषागार में भी एक दिन की सजा नहीं काटी है। उल्लेखनीय है कि लालू यादव को चारा घोटाला से संबंधित तीन मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है। जबकि दुमका कोषागार मामले में उन्होंने जमानत याचिका दायर की है। इसके अलावा डोरंडा कोषागार से जुड़े मामले में अभी सुनवाई चल रही है, उसमें फैसला आना बाकी है।

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