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लालू ने तेजस्वी को कहा- चुनाव प्रचार के दौरान दिमाग गरम कईला से ना चली

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: अरबों रुपये के बहुचर्चित चारा घोटाले मामले में सजायाफ्ता राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव बिहार विधानसभा चुनाव से दूर रांची के रिम्स निदेशक स्थित केली बंगले में इलाजरत है। करीब चार-साढ़े चार दशक बाद बिहार विधानसभा चुनाव से दूर लालू प्रसाद का यादव अधिकांश समय पूजा पाठ और बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी-जदयू नेताओं भाषण और चुनाव प्रचार की अन्य गतिविधियों से संबंधित खबरों को पढ़ने और टीवी में देखने में गुजर रहा है।
बिहार में पार्टी की ओर से उनके पुत्र और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के हाथों में कमान है, हालांकि चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के काफी दिन पहले से ही तेजस्वी एक दिन भी अपने पिता से मिलने रांची नहीं आ सके है, लेकिन आधुनिक संचार के युग और संदेशवाहकों की मदद से लालू प्रसाद लगातार अपने पुत्र तेजस्वी प्रसाद को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दे रहे है। बताया गया है कि जिस तरह से पिछले दिनों तेजस्वी यादव का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे सेल्फी ले रहे एक कार्यकर्त्ता को खींच कर पीछे धकेल रहे है, यह लालू प्रसाद की भी नाराजगी का कारण बना।

सूत्रों के मुताबिक रविवार को लालू प्रसाद ने तेजस्वी यादव को भोजपुरी भाषा में ही यह संदेश दिया है कि दिमाग गरम कईला से ना चली।  उन्होंने बेटे को विनम्रता बनाये रखने की सलाह दी है। सूत्रों के मुताबिक लालू प्रसाद सुबह-सुबह उठकर फ्रेश होकर सबसे पहले अखबार पढ़ते है और उसके बाद स्नान कर पूजा-पाठ में समय देते हैं। उनके सेवादार बताते हैं कि जब से वे जेल में आये हैं, वे अपना ज्यादातर समय पूजा पाठ में बिताते हैं, धर्म अध्यात्म में उनकी रूचि बढ़ी है। इस दौरान जब भी उन्हें समय मिलता है, तो वे बिहार-झारखंड के रिजनल टीवी चैनलों को देखकर सभी राजनीतिक घटनाक्रम से अपडेट रहते हैं। वे खासकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य विरोधी नेताओं द्वारा दिये जा रहे बयान पर कड़ी नजर रखते हैं।

नाश्ता करने के बाद वे डॉक्टरों द्वारा सुझायी गयी दवाएं लेते हैं। इसके बाद ठंड के मौसम में वे केली बंगला के कैंपर्स में पार्क के पेड़ के नीचे धूप  सेंकते हैं और पार्क में टहलते हैं। पार्क में टहलते हुए वे सुरक्षाकर्मियों से भी बातचीत करते हैं और उनके दुख-सुख को जानते हैं। कभी-कभी वे अपने राजनीतिक किस्से भी उनसे शेयर करते हैं, ये सब बातें कर वे खुशनुमा माहौल बनाये रखते हैं। दोपहर में वे अपने कमरे में जाकर सो जाते है और शाम में फिर एक घंटे टहलते है। फिर रात में टीवी देखते है और खाना खाने के बाद दवा लेने के बाद आराम करते हैं।

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