मजदूरों और किसानों की दुर्दशा लॉकडाउन में देख पसीज जाता है कलेजा : मंजू बाला पाठक
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार प्रदेश महिला कांग्रेस उपाध्यक्ष मंजू बाला पाठक ने कहा कि देश में लॉकडॉउन तो 3 मई तक बढ़ गया, परन्तु किसानों और मजदूरों के लिए कोई विशेष सहायता स्कीम केंद्र सरकार और राज्य सरकार से नहीं आई। उन्होंने कहा कि जब किसानों की दुर्दशा लॉकडाउन में देखती हूं तो मेरा कलेजा पसीज जाता है और तो और मजदूरों की बेबसी और लाचारी अति असहनीय है। बिहार के मजदूर अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए हैं और अलग-अलग राज्यों द्वारा उन्हें कोई सहायता और भोजन की व्यवस्था नहीं की गई है ।बेचारे , मजदुर इस आस में बैठे हुए हैं कि उन्हें बिहार सरकार और केंद्र की सरकार उनके लिए कोई सहायतार्थ योजना चालू करें। किसानों की स्थिति बहुत ही खराब है किसानों के गन्ना भुगतान अभी तक नहीं हुआ, फसलों की स्थिति भी उनकी सही नहीं है ।सरकार की तरफ से किसानों को पैकेज की व्यवस्था करनी चाहिए। किसानों की जीवन सुगमता पूर्वक व्यतीत करने के लिए किसानों को केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से मदद दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार श्रमिक प्रवासियों के लिए एक लॉलीपॉप की व्यवस्था तो परंतु झुग्गी झोपड़ी वाले और गरीब छोटे व्यवसाई और मजदूरों के लिए कोई योजना लेकर नहीं आई साथ ही साथ किसानों के लिए तो कुछ भी नहीं आई। किसान देश का स्तंभ होता है वह जनता का अन्नदाता है और किसानों की स्थिति यदि सही नहीं होगी तो हमारा देश पिछड़ा हो जाएगा। किसी भी राष्ट्र की समृद्धि उसका हंसता हुआ किसान परिवार होता है और यदि ऐसा नहीं हो तो यह एक राष्ट्र के लिए दुखद घटना है।मैं मंजू बाला पाठक किसानों की बेबसी को देख कर दंग रह जाती हुं। गन्ना मिलों द्वारा अभी तक किसानों के बकाए का भुगतान नहीं हो सका है। फसल क्षति मुआवजा भी नहीं मिलता है।
मंजू बाला ने कहा कि चंपारण की स्थिति और भी भयावह है। यहां किसानों के गन्ना का भुगतान नहीं हुआ है। मैं केंद्र सरकार और राज्य सरकार से यह निवेदन करती हुं कि किसानों के लिए अलग से फंड की व्यवस्था की जाए। किसान देश की आधारभूत संरचना है और आधारभूत संरचना की नींव को मजबूत रखा जाना चाहिए ।किसान देश के लिए अन्य पैदा करता है और वही अन्नदाता आज इस लॉक डाउन में कष्ट में रहे ये न्यायोचित नहीं।मैं मंजू बाला पाठक बिहार प्रदेश महिला कांग्रेस उपाध्यक्ष अपने बाबुधाम ट्रस्ट के तरफ से किसानों की मदद के लिए हर संभव प्रयास करती हुं परंतु मेरा मानना है कि किसानों की संख्या बहुत ज्यादा है और इसके लिए सरकार को प्रयास करना चाहिए।
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