सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड में समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना के तहत कृषक पाठशाला की शुरुआत की जा रही है । यह योजना दो भागों में होगी। पहले भाग में राज्य के प्रत्येक जिले में एक कृषि प्रक्षेत्र को समेकित रूप से कृषि के विभिन्न आयामों जैसे उन्नत कृषि तकनीक उद्यानिक फसलों का बेमौसमी खेती , पशुपालन, मत्स्य पालन और सिंचाई की उन्नत व्यवस्था विकसित करते हुए कृषक पाठशाला की स्थापना की जाएगी। इस कृषक पाठशाला में स्थानीय कृषकों का क्षमता विकास करते हुए उन्हें कृषि क्षेत्र पषुपालन क्षेत्र ,मत्स्य पालन, सूकर पालन इत्यादि में दक्ष बनाते हुए रोजगार उन्मुख एवं उनके आय में बढ़ोतरी का प्रयास किया जाएगा। साथ ही साथ वैसे स्थानीय नागरिक जो कृषि कार्य से नहीं जुड़े हुए हैं , उन्हें कृषक पाठशाला में भ्रमण कराकर कृषि क्षेत्र में हो रहे नई विकसित तकनीक से अवगत कराया जा सकेगा। जिससे क्षेत्र के आंतरिक संसाधनों के विकास में मदद मिलेगी ।
कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल ने ने बताया कि कृषि पाठशाला के इसके दूसरे भाग में इस योजना के अंतर्गत राज्य के विभिन्न 45 बिरसा ग्राम क्लस्टर अप्प्रोच पर विकसित करते हुए बिरसा सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। साथ ही पूर्व के वर्षों में कृषि क्षेत्र में कृषकों को बीज उर्वरक इत्यादि इनपुट उपलब्ध कराने का कार्य मात्र किया जा रहा था, परंतु उक्त योजना में कृषकों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए उनके द्वारा उत्पादित फसलों को उचित बाजार उपलब्ध कराने मार्केट लिंकेज से जोड़ने के कार्यक्रम की परिकल्पना की गई है।
बिरसा सेवा केंद्र अंतर्गत क्षेत्र के भौगोलिक संरचना के अनुसार 15 कस्टमाइज हियरिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी। जिसमें स्थानीय आवश्यकता अनुरूप आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त कृषकों को बाजार अनुरूप प्रशिक्षण छोटे-छोटे एकत्रीकरण एवं संग्रहण केंद्रों भंडारण इत्यादि की व्यवस्था की जाएगी इस योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2021 में 61 करोड़ का बजट प्रस्तावित है।
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