पुलवामा शहीदों की याद में काव्यांजलि, राष्ट्रीय कवि संगम ने किया आयोजन
सिटी पोस्ट लाइव : पुलवामा में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए राष्ट्रीय कवि संगम जिला इकाई नालंदा के द्वारा किड्ज केयर कॉन्वेट हाजीपुर बिहारशरीफ में “एक शाम शहीदों के नाम” काव्यांजलि का आयोजन साहित्यकार डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह के अध्यक्षता तथा संचालन ग़ज़लकार नवनीत कृष्ण के द्वारा किया गया। पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के शहीद जवानों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम में उपस्थित कवियों, साहित्यकारों एवं श्रोता दर्शकों ने उन्हें नमन किया तथा श्रद्धांजलि दी। शहीदों के चित्रों पर पुष्पांजलि से शुरु हुए कार्यक्रम में देर रात तक काव्यपाठ चलता रहा।
इस अवसर पर मगही और हिंदी के मशहूर कवि उमेश प्रसाद उमेश ने “हे पवन सुत भारत सपूत भारत का असली लाल हो तुम, हे आर्यावर्त के महावीर बन गया हिम सा भाल हो तुम” पढ़ा। कवि विनय कुमार ने “ओढ़ के तिरंगा क्योँ पापा आये हैं मां मेरा मन बात ये समझ ना पाए हैं” शहीद की मां का दर्द बयां किया। युवा कवि मनीष कुमार रंजन ने आओ सुने मस्जिद में मुरली की तान मंदिर ओम मंदिर में साथ बैठ पढ़ें गीता और कुरान सुनाया। कवि राकेश भारती ने “ले लो मेरा सलाम शहीदों ले लो मेरा सलाम शहीदों ले लो मेरा सलाम।” कवि अर्जुन प्रसाद बादल ने “विजय से कम नहीं लिखना जवानों सीमा पर नयन हो नम नहीं लिखना जवानों सीमा पर”।
मशहूर शायर बेनाम गिलानी ने “एक खता सदियों तलक सताएगी, जंग होगी बहुत रुलाएगी”। कवयित्री मुस्कान चांदनी ने “वीरों की धरती को कोई छू न पायेगा आजमा ले चाहे जितना कोई कामयाब ना हो पाएगा पाक वाले तेरा ख्वाब मिट्टी में मिल जाएगा वीरों की धरती को कोई छू न पायेगा”। सुनाई प्रस्तुत रचनाओं ने कभी भावुक किया तो देशभक्ति का जोश भी भरा। मौके पर अध्यक्षता कर रहे साहित्यकार डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह ने कहा कि पुलवामा में देश के वीर जवानों की शहादत को भुलाया नहीं जा सकता। इस दुख की घड़ी में पूरा देश शहीदों के परिजनों के साथ है। उन्होंने कहा कि अब पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देने का समय आ गया है। अगर हमारे वायुसेना के पायलट अभिनन्दन को पाक यदि नहीं छोड़ता तो उसके और गम्भीर परिणाम भुगतने पड़ते।
पाकिस्तान भारतीय सेना के आगे कभी नहीं टिक सकता। जब भी पाकिस्तान ने नापाक हरकत की है भारतीय सेना ने उसका मुंह तोड़़ जवाब दिया है। उन्होंने शहीद हुए वीर सैनिकों को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए एक श्रद्धांजलि गीत सुनाया। कवि व साहित्यानुरागी राकेश बिहारी शर्मा ने मौके पर अपने उद्बोधन में कहा कि पाकिस्तान ने जब जब भूल की है उसे सजा मिली है इस बार उसने गुनाह किया है अंजाम तो भुगतना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश एकसाथ खड़ा है इससे सैनिकों का मनोबल बढ़ा है। आतंकवाद के खिलाफ की गई कार्रवाई से भारत का मान बढ़ा है। पुलवामा के शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। आज पाकिस्तान विश्व में अलग-थलग हो गया है और उसकी सच्चाई पूरी दुनिया के सामने आ गयी है ।
उन्होंने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए एक श्रद्धांजलि गीत सुनाते हुए कहा “हवा को और भी कुछ तेज़ कर गए हैं ये लोग चराग़ ले के न जाने किधर गए हैं ये लोग सफ़र के शौक़ में इतने अज़ाब झेले हैं कि अब तो क़स्द-ए-सफ़र ही से डर गए हैं ये लोग धुआँ धुआँ नज़र आती हैं शहर की गलियाँ सुना है आज सर-ए-शाम घर गए हैं” जिसे सुनकर पूरा महौल गमगीन हो गया।
कार्यक्रम में कवि राकेश बिहारी शर्मा, कवयित्री रेखा सिन्हा, साहित्यकार डॉ. गोपाल शरण सिंह, समाजसेवी आशुतोष कुमार मानव, महेंद्र कुमार विकल, अमन कुमार, गरीबन साव, राजेश ठाकुर आदि ने अपनी रचनाएं सुनाई। कार्यक्रम में देश के लिए शहीद हुए वीर सैनिकों को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई।
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