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भागलपुर पहुंचे कौटिल्य ने कहा- आई क्यू बढ़ाने के लिए खुद से करें कंपीटीशन

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भागलपुर पहुंचे कौटिल्य ने कहा- आई क्यू बढ़ाने के लिए खुद से करें कंपीटीशन

सिटी पोस्ट लाइव : हाथ उठाकर और करबद्ध हाथ जोड़े लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए कुछ अलग और ओजस्वी अंदाज में गुगल ब्वॉय कौटिल्य पंडित ने भागलपुर वासियों के अभिवादन को स्वीकार किया। मारवाड़ी कॉलेज के मैदान में मानों बच्चे, बुढ़े और युवाओं के बीच उत्साह की लहर दौड़ गई हो। भला उत्साह हो भी क्यों न, महाविद्वानों की इस पावन धरा पर एक और कौटिल्य ने दस्तक जो दी थी। हम बात कर रहे हैं, आज के युग के चाणक्य यानि हरियाणा के करनाल के 11 वर्षीय बौद्धिक क्षमता में प्रखर कोटिल्य पंडित की। महज 5 वर्ष 10 महीने की अल्पायु से ही कौटिल्य विलक्षण प्रतिभा के धनी रहे हैं। इनके आईक्यू का लेवल आम लोगों की अपेक्षा अत्यधिक प्रखर देखा गया है। इतनी कम उम्र से ही विश्व भूगोल, अर्थशास्त्र, राजनीति, विज्ञान और सामाजशास्त्र के साथ-साथ सामान्य ज्ञान जैसे विषयों से संबंधित प्रश्नों का उत्तर गुगल ब्वॉय पल भर में ही देकर सबको आश्चर्यचकित किया है।

तुलसी सामाजिक संस्था की ओर से सोमवार को मारवाड़ी कॉलेज के स्टेडियम में भागलपुर कॉन्क्लेव के दूसरे दिन कार्यक्रम में कौटिल्य पंडित ने शिरकत की। लोगों के हुजूम ने उन्हें अपने कंधे पर बिठाकर मंच तक लाया। वहीं उनकी बुद्धिमता की एक झलक पाने के लिए विभिन्न विद्यालयों से बच्चे, शिक्षक, अभिभावक व प्राचार्य के अलावा भारी संख्या में लोग आये हुए थे। कार्यक्रम में उनकी माता सुमिता शर्मा व पिता पंडित सतीश शर्मा भी कौटिय के साथ मौजूद थे। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता बीआईटी मेसरा के पूर्व वीसी जनार्दन झा ने की। जबकि मंच पर संस्था के संस्थापक आलोक पाठक, अध्यक्ष शंभु शंकर सिंह मौजूद थे। इनके अलावा पूर्व डिप्टी मेयर प्रीती शेखर व अन्य गणमान्य भी इनके स्वागत के लिए उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरूआत कौटिल्य ने सरस्वती वंदना के बीच दीप प्रज्जवित कर किया। इस बीच उन्होंने शंखनाद कर पूरे वातावरण को गुजायमान का दिया। वहीं वहां मौजूद गणमान्यों ने कौटिल्य व उनके माता-पिता को पुष्पगुच्छ व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया।

कौटिल्य के मंच पर पहुंचते ही एक सेल्फी लेने के लिए बच्चों और युवाओं का हुजूम उमड़ पड़ा। वहीं कोटिल्य ने भी लोगों की उत्सुकता को जाया नहीं जाने दिया और लोगों से हाथ िअमलाते हुए उनके साथ सेल्फी भी खिंचाई। इस बीच कुछ देर के लिए मंच के आस-पास लोगों का तांता लगने से आयोजकों को थोड़ी परेशानी भी उठानी पड़ी। लेकिन ज्ञान के भंडार के उहापोह में यह सब पीछे छूट गया और बचा तो सिर्फ एक ही नाम कौटिल्य… कौटिल्य… कौटिल्य….। जनसैलाब के बीच से निकली इस आवास ने बता दिया कि भागलपुर वासियों को इस विलक्षण प्रतिभावन बच्चे से कितना प्यार है।

लोगों से रूबरू होते हुए कौटिल्य ने बताया कि हमारा देश युगों युगों से ज्ञान और विज्ञान के मामले में अग्रणी रहा है। महाभारत काल और हिंदू माइथेलॉजी का जिक्र करते हुए कौटिलय ने कहा कि यह देश वीर-पुरोधाओं का देश रहा है। कर्ण के इस अंग की धरती में काफी प्रतिभा छुपी हुई है और बिहार तो देश भर में अपने बुद्धिमता के विख्यात रहा है। महाभारत काल में जब एक तीर छोड़ा जाता था, तो उस वक्त विज्ञान इतना डेवेलव था कि वह तीर अपने आप दस तीरों में तब्दील हो जाता है। एक तीर से बरसात हो जाती थी, तो उसी तीर से धरती को चीरकर जल बाहर निकल जाता था। उस विज्ञान में इतनी ताकत थी कि प्रलय भी अवश्यंभावी था। इसके अलावा उन्होंने रामायण काल के पुष्पक विमान का जिक्र करते हुए कहा कि वह एक जेट प्लेट था, जिसकी परिकल्पना आज के दौर भी विदेशों में हुई होगी। लेकिन उस विमान को भारत में कई हजार वर्ष पूर्व बनाकर उड़ाया जा चुका था। आज के दौर में बस जरूरत है उस तकनीक को पकड़ने की और हमारा देश एक बार फिर से विश्व विजेता बन सकता है।

स्कूली बच्चों से रूबरू होते हुए कौटिल्य ने कहा कि आपका कंपिटीटर कोई और दूसरा नहीं है। आपको अगर अपने आई क्यू को डेवेलप करना है तो अपका स्वयं से कंपीटीशन करना है। आपको अपनी अंदर झुपे ज्ञान को खुछ से खींचकर बाहर लाना होगा। इसके लिए आपको स्वयं मेहनत करनी होगी। वहीं गुगल ब्वॉय ने कहा कि आपको कौटिल्य बनने के लिए आगे नहीं बढ़ना चाहिए। आप कौटिल्य से भी आगे जायें, इसके लिए आपको स्वयं से लड़ना होगा। इसके अलावा कौटिल्य ने स्कूली बच्चों के सवालों के जवाब भी दिये और बच्चों को अपना ऑटोग्राफ देकर उनकी उत्सुकता को जाया नहीं जाने दिया। वहीं अपने रोल मॉडल की बात करते हुए भारत के पूर्व राष्ट्रपति और देश को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाने वाले डॉ. एपीजे अब्दुल कलाब साहब को कौटिल्य ने अपना रोल मॉडल बताया।

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