सिटी पोस्ट लाइव, रांची: राज्य सरकार ने ट्राइब्स एडवाइजरी काउसिंल (टीएसी) की नियमावली में बदलाव और राजभवन की भूमिका समाप्त करने के बाद मंगलवार को टीएसी गठन का गठन कर दिया गया है। इस संबंध में मंगलवार को अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गयी।
टीएसी के पदेन अध्यक्ष मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन होंगे, जबकि कल्याण मंत्री चंपई सोरेन को उपाध्यक्ष किया गया है। 19सदस्यीय समिति में मुख्यमंत्री, मंत्री समेत 17 विधायक और दो मनोनीत सदस्य है। मुख्यमंत्री के पदेन अध्यक्ष और कल्याण मंत्री के पदेन उपाध्यक्ष के अलावा अनुसूचित जनजाति कोटे के जिन 15 विधायकों को सदस्य बनाया गया है, विधायक स्टीफन मरांडी, नीलकंठ सिंह मुंडा, बाबूलाल मरांडी, बंधु तिर्की, सीता सोरेन, दीपक बिरूवा, चमरा लिंडा, कोचे मुंडा, भूषण तिर्की, सुखराम उरांव, दशरथ गगराई, विकास कुमार मुंडा, नमन विक्सल कोंगाड़ी , राजेश कच्छप और सोनाराम सिंकू शामिल है। इसके अलावा पूर्वी सिंहभूम के रहने वाले विश्वनाथ सिंह सरदार और रांची के अनगड़ा थाना क्षेत्र के चिलदाग गांव निवासी जमल मुंडा को मनोनीत सदस्य बनाया गया है।
टीएसी के नियमावली के अनुसार अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में जो भी प्रधान सचिव या सचिव के पद पर होंगे, वह काउंसिल के भी सचिव होंगे. अधिसूचना जारी होते ही काउंसिल से जुड़ी व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है।
गौरतलब है कि टीएसी के गठन को लेकर पिछले डेढ़ साल से राज्य सरकार और राजभवन के बीच बात नहीं बन रही थी। जिसके कारण पिछले दिनों सरकार की तरफ से टीएसी के गठन में राजभवन की भूमिका को खत्म करते हुए नई नियमावली बनाई थी। इसको लेकर झारखंड में जमकर राजनीति भी हुई और मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने इस पर आपत्ति दर्ज करायी गयी थी। इसके बावजूद 7 जून को ही नई नियमावली के संबंध में गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया था। तब से टीएसी के सदस्यों के मनोनयन का अधिकार मुख्यमंत्री के पास चला गया। इससे पहले सदस्यों के मनोनयन के लिए राजभवन की स्वीकृति जरूरी थी।
Comments are closed.