झारखंड में रेलवे प्रोजेक्ट के लंबित मामलों को धरातल पर लाएं अधिकारी: मुख्य सचिव
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने राज्य में रेलवे प्रोजेक्ट्स के लंबित मामलों को शीघ्र धरातल पर लाने का निर्देश संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिया है। उन्होंने राज्य में रेल विस्तार की योजनाओं के लिए अबतक रेलवे को दी गई जमीन के संबंध में कहा कि कई केंद्रीय संस्थानों और संगठनों को जमीन दी जाती रही है। इसका आकलन भी होना चाहिए कि उसके उपयोग की वास्तविक स्थिति क्या है। उन्होंने राजस्व सचिव को निर्देश दिया कि रेलवे व अन्य संस्थानों को दी गई जमीन के उपयोग की वर्तमान स्थिति का डाटाबेस बनाएं। साथ ही डाटाबेस में यह उल्लेख करें कि अबतक कितनी जमीन दी गई है और उसका कितना उपयोग हुआ है। तिवारी शुक्रवार को झारखंड में लंबित रेलवे प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने के लिए आयोजित बैठक में बोल रहे थे।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से बढ़ेगी व्यापार सुगमता
मुख्य सचिव ने कहा कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर रेल पथ है, जो केवल माल ढुलाई के लिए निर्धारित किए जाते हैं।े भारत में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर स्थापित किए जा रहे हैं ताकि अपने निर्दिष्ट बंदरगाहों के लिए उद्योगों के बीच माल की आपूर्ति आसानी से की जा सके। बैठक में राजस्व सचिव के.के. सोन ने बताया कि अबतक डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर अंतर्गत आवश्यकता के अनुरूप चार जिलों में 90 फीसदी जमीन रेलवे को दी जा चुकी है। बाकी बची जमीन भी एक माह के भीतर रेलवे को देने की प्रक्रिया जारी है। वन विभाग की ओर से बताया गया कि उनकी तरफ से भी वन भूमि के उपयोग के लिए जरूरी कार्यवाही की जा रही है। मुख्य सचिव ने सारी कार्यवाहियों को ऑनलाइन किए जाने का निर्देश दिया। साथ ही जो भी कार्यवाही कर रहे हैं, उसकी सूचना राजस्व सचिव को भी दें, ताकि तालमेल बना रहे। वहीं ऊर्जा सचिव वंदना डाडेल ने विद्युत टावर लगाने के कार्यों का विस्तृत ब्योरा दिया। मुख्य सचिव ने बाकी बचे काम को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में परिवहन सचिव प्रवीण टोप्पो, ऊर्जा सचिव वंदना डाडेल, वन विभाग के विशेष सचिव ए के रस्तोगी समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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