पूर्व मंत्री एनोस एक्का को झारखंड हाईकोर्ट ने दी जमानत
पारा शिक्षक मनोज कुमार हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं पूर्व मंत्री एनोस
पूर्व मंत्री एनोस एक्का को झारखंड हाईकोर्ट ने दी जमानत
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री एनोस को बड़ी राहत मिली है। झारखंड उच्च न्यायालय के जस्टिस एके गुप्ता और जस्टिस राजेश कुमार की अदालत से गुरुवार को सुनवाई के बाद ने पारा शिक्षक मनोज कुमार हत्याकांड मामले में एनोस एक्का को जमानत दे दी। साथ ही अदालत ने पासपोर्ट जमा करने और झारखंड से बाहर नहीं जाने का आदेश दिया है। पारा शिक्षक मनोज कुमार हत्याकांड में एनोस उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। फिलहाल वे जेल में हैं। एनोस एक्का के अधिवक्ता अमित सिन्हा ने बताया कि उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान निचली अदालत में वायस सैंपल के आधार पर सजा दिए जाने की दलील पेश की गई। जिसपर कोर्ट ने वायस सैंपल की जांच से जुड़ी फारेंसिक रिपोर्ट के बारे में जानकारी मांगी। उन्होंने बताया कि झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एके गुप्ता और जस्टिस राजेश कुमार की खंडपीठ ने पिछले सप्ताह 19 सितंबर को राज्य के पूर्व मंत्री एनोस एक्का की जमानत पर सुनवाई की थी। सुनवाई के दौरान एनोस की ओर से कहा गया कि इस मामले में सीडी (कॉम्पैक्ट डिस्क) की फॉरेंसिक रिपोर्ट नहीं मिली है इसलिए उस रिपोर्ट को मंगाया जाए। इस पर अदालत फॉरेंसिक रिपोर्ट मांगते हुए मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को निर्धारित की थी।
निचली अदालत ने सुनाई थी आजीवन कारावास की सजा
पारा टीचर हत्याकांड में निचली अदालत ने पूर्व मंत्री एनोस एक्का को 3 जुलाई 2018 को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी थी। साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इस मामले में एनोस एक्का सहित तीन लोगों को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरज कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने दोषी करार दिया था। सजा सुनाए जाने के बाद एनोस की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई थी।
26 नवंबर 2014 को हुआ था अपहरण और 27 को मिली थी मनोज की लाश
26 नवंबर 2014 को सिमडेगा जिले के जताडांड़ प्राथमिक विद्यालय से पारा टीचर मनोज कुमार का अपहरण कर लिया गया था। इस मामले में विधायक एनोस एक्का के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। दूसरे दिन सुबह मनोज कुमार की लाश मिलने के बाद मामला हत्याकांड में बदल गया। पुलिस ने पहले से पीएलएफआई उग्रवादी बारूद गोप का मोबाइल फोन सर्विलांस पर रखा था। फोन पर हुई बातचीत के आधार पर पुलिस ने जांच के बाद विधायक एनोस एक्का और बारूद गोप के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। इसमें आरोप लगाया गया था कि विधायक के ही कहने पर बारूद गोप ने मनोज कुमार की हत्या की है। पारा टीचर की हत्या को अंजाम देने से पहले उग्रवादी धनेश्वर बड़ाइक ने रेकी की थी। शिक्षक की हत्या के आरोप में तत्कालीन एसपी राजीव रंजन सिंह ने रात दो बजे एनोस एक्का को ठाकुरटोली स्थित घर से गिरफ्तार किया था और 27 नवंबर 2014 की शाम एनोस एक्का को रांची स्थित होटवार जेल भेज दिया था। इस मामले में एनोस की ओर से निचली अदालत के आदेश के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय में अपील दाखिल करते हुए जमानत देने का आग्रह किया गया था। एनोस की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि निचली अदालत का आदेश सही नहीं है। उनके खिलाफ कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं मिला है। बिना ठोस साक्ष्य के ही उन्हें सजा सुनाई गई है।
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