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झारखंड सरकार ने विधानसभा में स्वीकारा,18 वर्षों में काटे गए साढ़े पांच लाख से अधिक पेड़

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झारखंड सरकार ने विधानसभा में स्वीकारा, 18 वर्षों में काटे गए साढ़े पांच लाख से अधिक पेड़

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड सरकार ने विधानसभा में मंगलवार को स्वीकार किया कि वर्ष 2001 से वर्ष 2018 तक विभिन्न परियोजनाओं के निर्माण के लिए पांच लाख 63 हजार 515 पेड़ों की कटाई की गयी। राज्य के कला राजस्व मंत्री अमर कुमार बाउरी ने झारखंड विकास मोर्चा के प्रदीप यादव के एक अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में सदन में कहा कि वर्ष 2001 से वर्ष 2018 के दौरान पांच लाख 63 हजार पांच सौ 15 पेड़ो की कटाई हुई। इस दौरान काटे गए पेड़ों के बदले 9 करोड़ 92 लाख से अधिक सीड समेत वृक्षारोपण किया गया। उन्होंने कहा कि पलामू के मंडल डैम में कटने वाले पेड़ों के स्थान पर नये पेड़ लगाने के लिए जल संसाधन विभाग ने 92 करोड़ रुपये कैम्पा फंड में डाल दिया है। इससे 37 लाख पेड़ लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 से 2017 तक वन क्षेत्र में बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। कैम्पा फंड में इस समय दो हजार 250 करोड़ रुपये हैं और भारत सरकार प्रतिवर्ष इसकी कुल राशि में 10 प्रतिशत राशि खर्च करने की इजाजत देती है। प्रकाश राम के एक तारांकित प्रश्न के उत्तर में बाउरी ने कहा कि सीसीएल ने कुसमाही के लिए सीटीए का आवेदन दिया है और यहां पर हो रही गड़बड़ी के लिए शोकॉज किया गया है। उन्होंने कहा कि अवैध डंपिग के मामले की जांच करायी जायेगी। गीता कोड़ा के एक तारांकित प्रश्न के उत्तर में राज्य के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि डीएसमएफटी निधि का पश्चिमी सिंहभूम में दुरुपयोग के मामले की जांच कराई जाएगी। झामुमो के स्टीफन मरांडी के एक तारांकित प्रश्न के उत्तर में राज्य की कल्याण मंत्री लुईस मरांडी ने कहा कि सभी पॉलिटेक्निक कॉलेज प्रभारी के माध्यम से चलाया जा रहा है और नियमित प्राचार्य की नियुक्ति के लिए अधियाचना जेपीएससी में भेजी गयी है। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने राज्य के जल संसाधन मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी को कनहर सिंचाई योजना का मामला 31 मार्च तक निष्पादित करने का निर्देश दिया।

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