आदिवासी इंटर कॉलेज की मान्यता समाप्त होने से सैकड़ों छात्रों का भविष्य अधर में
गोड्डा: झारखंड अधिविध परिषद् द्वारा जिले के सुदूर आदिवासी प्रखंड बोआरीजोर अंतर्गत ललमटिया में वर्ष 1985 से संचालित आदिवासी इंटर कॉलेज की मान्यता सत्र 2019-21 के लिए रद्द कर देने के कारण इस महाविद्यालय में पढ़ने वाले सैकड़ों छात्रों के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। खान क्षेत्र से बिल्कुल सटे होने के कारण सुरक्षा कारणों से उपायुक्त गोड्डा के निर्देश पर इस महाविद्यालय को आईटीआई भवन में वर्ष 2018 में स्थानांतरित कर दिया गया था, लेकिन झारखंड अधिविध परिषद् से इस संबंध की स्वीकृति न लेने के कारण परिषद् ने इसे भूमि एवं भवन विहीन बताते हुए इसकी स्थायी स्वीकृति रद्द कर दी है। गौरतलब है कि खान क्षेत्र में पड़ने के कारण इस महाविद्यालय की चर्चा काफी समय से की जाती रही है। उपायुक्त ने इस संबंध में स्पष्ट निर्णय लिया था कि इस महाविद्यालय को सुरक्षा की दृष्टि से अन्यत्र स्थानांतरित किया जाए। इसी निर्णय के आलोक में तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी महागामा ने इस कॉलेज को नए बने लघु औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के भवन में स्थानांतरित किया था। स्थानांतरण के समय राजमहल परियोजना प्रबंधन ने यह आश्वासन दिया था कि महाविद्यालय को लौंडिया बस्ती पुनर्वास स्थल पर 2 वर्ष के अंदर नवीन भवन बना कर पुनर्स्थापित किया जाएगा।
क्या कहते हैं महाविद्यालय के प्राचार्य
इस संबंध में महाविद्यालय के प्राचार्य गोपाल मंडल ने बताया कि एकाएक अधिविध परिषद् द्वारा मान्यता रद्द कर दिए जाने के कारण वर्तमान सत्र में कक्षा 11 में पढ़ने वाले सैकड़ों छात्र-छात्राओं के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। यह छात्र-छात्राएं आदिवासी क्षेत्र से हैं तथा बाहर जाकर पढ़ाई करने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने इस संबंध में स्वीकृति की मांग की है।
क्या कहना है परियोजना प्रबंधन का
राजमहल परियोजना के कार्मिक महाप्रबंधक शिवाजीराव यादव ने बताया कि आदिवासी इंटर कॉलेज को उपायुक्त के निर्देशानुसार वैकल्पिक रूप से आईटीआई भवन में स्थानांतरित कराया गया था। यदि महाविद्यालय की स्वीकृति अधिविध परिषद् द्वारा की जाती है तो राजमहल परियोजना प्रबंधन पुणे मुख्यालय से इस संबंध में स्वीकृति प्राप्त कर नए भवन की योजना पर कार्य करेगा।
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