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विवादों में घिरे रहे डीसी दिलीप झा के तबादले की खबर से पाकुड़ में बंटी मिठाइयां

एसपी आवास पर सीसीटीवी कैमरा लगवाने का पुलिस पदाधिकारियों और एसोसिएशन ने किया था विरोध

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विवादों में घिरे रहे डीसी दिलीप झा के तबादले की खबर से पाकुड़ में बंटी मिठाइयां

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: लगातार विवादों में घिरे रहे पाकुड़ डीसी दिलीप कुमार झा का बुधवार को तबादले की खबर से पाकुड़ जिले के लोगों और संगठनों में खुशी की लहर दौड़ गई। डीसी झा का लगातार विरोध कर रहे आजसू पार्टी के सदस्यों ने पाकुड़ के गांधी चौक पर जमकर आतिशबाजी की और मिठाइयां बांटी। आजसू पार्टी के जिलाध्यक्ष आलोक जॉय पॉल ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री रघुवर दास को धन्यवाद देते हुए कहा कि तानाशाह डीसी के विरूद्ध आजसू ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा था। गौरतलब है कि चुनाव आयोग से मंजूरी मिलने के बाद आज कार्मिक विभाग ने पाकुड़ डीसी दिलीप कुमार झा के तबादले की अधिसूचना जारी कर दी। झा को जेसीईसीई ( झारखंड संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद) का परीक्षा नियंत्रक बनाया गया है। इसके साथ ही कुलदीप चौधरी को पाकुड़ का नया डीसी बनाया गया।

डीसी झा पर लगा था खनन माफिया को संरक्षण देने आरोप, सीएम जनसंवाद में उठा था मामला
डीसी दिलीप कुमार झा कई बार अपने निर्णयों को लेकर विवादों में रहे हैं। उन पर खनन माफिया को संरक्षण देने के गंभीर आरोप लगे थे। इस मामले में डीसी झा के खिलाफ मुख्यमंत्री जनसंवाद में भी मामला उठा था। मुख्यमंत्री रघुवर दास से सीधी बात में शिकायतकर्ता ने पाकुड़ के सहायक खनन पदाधिकारी और डीसी की मिलीभगत से अवैध खनन का आरोप लगाया था। इसके अलावा शराब कारोबार को लेकर पांच दिनों के अंदर ही अपना फैसला बदलने को लेकर भी वे सुर्खियों में रहे थे। एक बार अपने अधीनस्थ अधिकारी के लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया था। इसे लेकर भी काफी आक्रोश था।

दिलीप झा का विवादों से रहा है पुराना नाता
दिलीप कुमार झा का विवादों से पुराना नाता रहा है। उनका कार्यकाल पाकुड़ में भी विवादित रहा। डेढ़ साल के कार्यकाल में इनके अधिनस्थ काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारी खौफ के साए में रहे। डीडीसी अजीत शंकर छुट्टी पर गए तो काम पर नहीं लौटे। एसडीओ जितेन्द्र कुमार देव का छह माह से अधिक समय से वेतन बंद है। जिले के एसपी शैलेन्द्र प्रसाद वर्णवाल से विवादों के कारण सरेआम पुलिस को कोसना उनकी आदत में शुमार हो गया था। ऐसे में जिले में विकास कार्य ठप हो जाने व जनता के बीच किरकिरी होने की खबर सरकार के मुखिया को लगी और दिलीप कुमार झा को अंततः जाना पड़ा। मैगजीन हाउस के एनओसी को लेकर एसपी से हुआ था विवाद, थाना दिवस के खर्च पर उठाया था सवाल डीसी दिलीप कुमार झा और एसपी शैलेन्द्र वर्णवाल की तल्खी अमड़ापाड़ा में खुलने वाले पचुवाड़ा नॉर्थ कोल ब्लॉक के मैगजीन स्टोरेज हाउस के लिए एनओसी को लेकर बढ़ गई थी। दरअसल, डीसी कोल कंपनी के लिए चिलगो गांव में मैगजीन हाउस के लिए एसपी से एनओसी की मांग की थी। चिलगो नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। इस कारण एसपी ने एनओसी देने से मना कर दिया। यह डीसी दिलीप कुमार झा को नागवार गुजरा। इसके बाद उन्होंने एसपी वर्णवाल के खिलाफ गृह सचिव एसकेजी रहाटे को पत्र लिख दिया। यह विवाद अभी चल ही रहा था कि डीसी झा ने थाना दिवस की कार्यशैली और खर्च पर सवाल उठाया कि इसके लिए पैसे कहां से आते हैं। जबकि मुख्य सचिव के निर्देश पर जिले के सभी थाने और ओपी में प्रत्येक 15 दिनों में थाना दिवस मनाया जाता है। इसमें आम लोग सीधे पुलिस को अपनी समस्या से अवगत कराते हैं। इसके अलावा बीते वर्ष अमड़ापाड़ा में हुए नक्सली कुणाल एनकाउंटर मामले की मजिस्ट्रियल जांच को अनुमोदित कर सरकार को भेजने वाले डीसी झा ने बाद में मृतक के पिता के आवेदन पर इसकी जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा कर दी थी। इसके बाद अभी हाल में डीसी ने एसपी के आवास को टारगेट कर सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए। इससे पुलिस अधिकारी और पुलिस मेंस एसोसिएशन भड़क उठा और डीसी के विरूद्ध जोरदार मोर्चा खोल दिया था और यह उन्हें महंगा पड़ गया। डीसी दिलीप कुमार झा के विरूद्ध आजसू और राजद ने नगर में पोस्टरबाजी करने के साथ ही रैली भी निकाली थी।

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