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विधायकों के खरीद-फरोख्त मामले में जांच के लिए दिल्ली गयी पुलिस टीम को मिली अहम जानकारियां

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की साजिश में दर्ज मामले में छानबीन के लिए रांची पुलिस की एक टीम दिल्ली गयी है और दिल्ली गयी टीम को मंगलवार को कई अहम सुराग मिले है। जांच टीम ने एक होटल के सीसीटीवी फुटेज की कॉपी पेन ड्राइव में हासिल की है। जिससे यह पता चलता है कि महाराष्ट्र बीजेपी के एक नेता से झारखंड के चार विधायकों की पिछले दिनों मुलाकात हुई थी। हालांकि अभी इस मामले में झारखंड पुलिस की ओर से कुछ भी आधिकारिक रूप से जानकारी नहीं दी जा रही है। पुलिस गिरफ्तार आरोपियों और विधायकों के मोबाइल लोकेशन, फोन कॉल डिटेल और अन्य इलेक्ट्रिॉनिक साक्ष्य एकत्रित करने में जुटी है और दावा किया जा रहा है कि जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है।

प्रदेश कांग्रेस प्रभारी की भूमिका भी उठने लगे है सवाल
झारखंड कांग्रेस के कई विधायक दिल्ली गये थे, इस बात की जानकारी खुद इन विधायकों ने ही अपने ट्विटर माध्यम से दी थी। इन विधायकों ने की ओर से दिल्ली दौरे के बारे में सिर्फ इतना ही बताया गया था कि दिल्ली दौरे के क्रम में उनकी मुलाकात पार्टी के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह से हुई।

 

आरपीएन सिंह से कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला और अन्य विधायकों ने मुलाकात कर अपनी बातों को रखने का काम किया और प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व तथा सरकार के कामकाज की शिकायत की। इस दौरान जिस तरह से आरपीएन सिंह ने उस वक्त इन विधायकों की पीठ थपथपाई , परंतु उन्हें इस बात की भनक नहीं लगी कि उनकी ही पार्टी के विधायक दिल्ली दौरे के क्रम में भाजपा नेताओं से भी मुलाकात कर रहे है, इस बात पर राजनीतिक विश्लेषक आश्चर्य व्यक्त कर रहे है और यह शंका जता रहे है कि कहीं प्रदेश प्रभारी झारखंड में चल रहे राजनीतिक खेल की पूरी जानकारी होने के बावजूद अनजान बने है। साथ ही झारखंड में कांग्रेस गठबंधन सरकार पर उत्पन्न खतरे और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भी अंधेरे में रखे हुए हैं।

सत्ता परिवर्त्तन के लिए 8 से 10 विधायकों की जरुरत
हेमंत सोरेन सरकार गिराने की साजिश में गिरफ्तार तीन आरोपियों में सबसे अहम कड़ी पलामू जिले के रहने वाले अभिषेक दूबे की उसी क्षेत्र से निर्वाचित एक विधायक काफी निकटता है। इस विधायक के एक रिश्तेदार फिलहाल महाराष्ट्र बीजेपी के वरिष्ठ नेता है। हेमंत सोरेन सरकार को गिराने के लिए कम से कम 8-10 विधायकों की जरुरत होगी, ऐसे में सत्ता परिवर्त्तन के लिए आवश्यक संख्या बल का जुगाड़ करने के लिए सत्ताधारी दल के कई विधायकों को लगातार प्रलोभन दिया जा रहा है। इसका खुलासा खुद कांग्रेस विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी ने भी किया है।

 

गौरतलब है कि 82 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में फिलहाल सत्ताधारी यूपीए फोल्डर में 51 विधायक है और इनमें से 8-10 विधायकों के एक साथ पाला बदलने से ही सरकार पर संकट मंडरा सकता है, फिलहाल प्रत्यक्ष रूप से इस तरह का कोई खतरा नजर नहीं आ रहा है।

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