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जब्त किये वाहनों की नीलामी के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए : अजय मारू

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जब्त किये वाहनों की नीलामी के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए : अजय मारू

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद अजय मारु ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को थानों में वर्षों से पड़े वाहनों  के सम्बन्ध में  पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि शहर के विभिन्न थानों में जब्त किए गए दो पहिया वाहन एवं अन्य प्रकार के वाहनों के पड़े हैं जिनकी नीलामी के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए। वास्तुतः कानूनी अड़चनों के कारण शहर के विभिन्न थानों में पड़े वाहन कंडम हो रहे हैं। अफसोस की बात है कि वाहनों की नीलामी की प्रक्रिया में तेजी नहीं लाई जा रही है। इसके कारण सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। वाहनों के रखरखाव में परेशानी हो रही है। पुलिस थानों में पड़े वाहन मोटर व्हीकल एक्ट के तहत इंपाउंड किए गए हैं। एक्ट के अनुसार जिन वाहनों के चालान किए जाते हैं उनका कोई वारिस नहीं आने के कारण वह लावारिस मिलते हैं। दुर्घटना मामलों में भी वाहन जप्त किए जाते हैं। कोर्ट में जब यह मामले ले जाए जाते हैं जहां सुनवाई पूरी हो जाती है और वह नीलाम करने का आदेश दिया जाता है इसके बाद नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाती है। उन्होंने कहा कि रांची पुलिस बार-बार कहती है कि नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी परंतु इसे धरातल में नहीं लाया जाता। परिणाम यह है कि सभी थानों में जब्त किए गए एवं चोरी के वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है जिसके फलस्वरूप थानों में वाहन रखने की जगह ही नहीं बची है। परिणाम यह है कि थानों में रखे वाहनों को जंग खा रहा है। करोड़ों के वाहनों में सबसे अधिक संख्या दो पहिया वाहनों की है। कोतवाली, बरियातू, लालपुर, हिंदपीरी, डोरंडा, जगन्नाथपुर, धुर्वा, सुखदेव नगर थाने में हाजारों की संख्या में वाहन जब्त कर रखे हुए हैं। सरकार को इसके कारण राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। वाहन ऑनर बीमा दावा ले लेते हैं और वाहन थााने में पड़े पड़े सड़ जाते हैं। यदि ये वाहन सड़कों पर चलते तो उससे भी सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी। उन्होंने कहा कि पुलिस कोर्ट की वजह से ज्यादातर वाहन की नीलामी नहीं हो पाती। पुलिस स्वयं स्वीकार करती है कि जब्त वाहनों की नीलामी करना संभव नहीं हो पाता है क्योंकि इसमें मुकदमे अलग कोर्ट में चल रहे हैं। रांची पुलिस ने चोरी के वाहन एवं मोबाइल बरामद होने के बाद उनके मालिक को खोज कर उन्हें थानों को सुपुर्द करने का आदेश दिया था लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा की सबसे अधिक कोतवाली पुलिस ने चोरी के वाहनों को बरामद किया। इन वाहनों को कोतवाली के गेट तक रख दिया है जिसके कारण कोतवाली परिसर में जगह नहीं रह गयी है। पुलिस के साथ समस्या यह है कि वह इन वाहनों को कबाड़ में भी नहीं रख सकती क्योंकि ऊपर से आदेश हुआ है कि वाहन मालिक को ही सौंपा जाए। समस्या यह है कि चोरों ने वाहनों के चेचिस भी बदल दिए। इसमें दो राय नहीं कि रांची शहर में पहली बार यातायात व्यवस्था को ठीक करने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। मेन रोड की तस्वीर ही बदल गयी है। पुलिस प्रशासन को जब्त किए गए वाहनों की नीलामी के लिए शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए। इसके साथ साथ वाहनों की चोरी के गिरोह को पकड़ने के लिए पुलिस को प्रयास करना चाहिए।

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