सिटी पोस्ट लाइव, लखनऊ: राजधानी लखनऊ सहित पूरे उत्तर प्रदेश में अभी तक करीब सवा तीन करोड़ पुराने वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नम्बर प्लेट (एचएसआरपी) नहीं लगी है। एचएसआरपी लगाने की शुरुआत करीब सात महीने पहले हुई थी। परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने वाहनों की सुरक्षा को लेकर गत जनवरी माह में नए वाहनों की तर्ज पर पुराने वाहनों में एचएसआरपी लगाने का आदेश जारी किया था। परिवहन आयुक्त ने इस सम्बन्ध में प्रदेश के सभी संभागीय परिवहन अधिकारियों को गाइडलाइन जारी करते हुए डीलरों से इस दिशा में तत्काल कार्य आगे बढ़ाने का निर्देश दिया था। इसके लिए 15 दिन का समय भी दिया गया था। इसमें पुराने वाहनों में एचएसआरपी कैसे लगेगी और आवेदन कैसे होगा, इस सबके बारे में गाइडलाइन बनाई गई थी।
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इसके साथ ही एचएसआरपी लगाने की दर भी तय हो गई थी। फिर भी पुराने वाहनों में सुरक्षा प्लेट लगाने का कार्य ठंडे बस्ते में चला गया। पुराने वाहनों में एचएसआरपी लगाने की कोई अन्तिम तिथि नहीं होने की वजह से डीलरों और वाहन मालिकों ने इस ओर गम्भीरतापूर्वक ध्यान नहीं दिया। इसलिए करीब सात महीने बीतने को है। लेकिन, प्रदेश के करीब सवा तीन करोड़ पुराने वाहनों में से शायद ही किसी ने पुरानी नम्बर प्लेट बदली हो। अपर परिवहन आयुक्त अरविन्द पाण्डेय ने मंगलवार को बताया कोरोना की वजह से पुराने वाहनों में एचएसआरपी लगाने में विलम्ब हुआ है। लेकिन, काम रुका नहीं है। उन्होंने बताया कि पुराने वाहनों में एचएसआरपी लगाने के लिए कोई अन्तिम तिथि तय नहीं की गई थी। इसलिए वाहन मालिक और डीलर इसका लाभ उठा रहे हैं। परिवहन विभाग के उच्चाधिकारियों से वार्ता करके एचएसआरपी लगवाने के लिए एक समयसीमा तय करनी होगी। तभी इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे।
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