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धीरे-धीरे बढ़ रहा है खूंटी संसदीय क्षेत्र का सियासी पारा

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धीरे-धीरे बढ़ रहा है खूंटी संसदीय क्षेत्र का सियासी पारा

सिटी पोस्ट लाइव, खूंटी: जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की तिथि नजदीक आती जा रही है, खूंटी संसदीय क्षेत्र में सियासी पारा भी बढ़ता जा रहा है। भाजपा से लेकर कांग्रेस, झामुमो, झाविमो सहित अन्य राजनीतिक दलों की गतिविधियां तेज होती जा रही है। आम चुनाव को लेकर प्रशासनिक कवायद भी काफी तेज है। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं का दौरा और बैठकों का दौर जारी है। इसी कड़ी में भाजपा से जुड़े प्रबुद्ध जनों की तीन फरवरी को नगर भवन में बैठक होगी। इसमें खूंटी, रांची और हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के प्रबुद्ध लोग और पार्टी के बड़े नेता शामिल होंगे। सूत्रों ने बताया कि बैठक में केन्द्रीय मंत्री जयंत सिन्हा, रांची के सांसद रामटहल चैधरी, खूंटी के सांसद कड़िया मुंडा, सूबे के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा सहित तीनों लोकसभा क्षेत्र के जिलाध्यक्ष, महासचिव और अन्य पदाधिकारी शिरकत करेंगे। खूंटी को सुरक्षित सीट मानती है भाजपा अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित खूंटी संसदीय सीट भाजपा के लिए भी सुरक्षित मानी जाती है। 1952 से लेकर अब तक हुए 16 लोकसभा चुनावों में आठ बार भाजपा का और एकबार जनता पार्टी का कब्जा रहा है। वर्तमान सांसद कड़िया मुंडा आठ बार से सांसद चुने जाते रहे हैं। 1952, 1957 ओर 1962 में झारखंड पार्टी के जयपाल सिंह मुंडा खूंअी के सांसद रहे। बाद में उन्होंने प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की सलाह पर झारखंड पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया। 1967 का चुनाव उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर जीता। 1972 में एनई होरो ने झारखंड पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की। 1980 में एनई होरो फिर से सांसद चुने गये। 1984 में कांग्रेस के साइमन तिग्गा और 2004 में कांग्रेस की ही सुशीला केरकेट्टा लोकसभा ने चुनाव जीता। 1989, 1991, 1996, 1998, 1999, 2009 और 2014 में भाजपा के कद्दावर नेता कड़िया मुंडा अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को पटखनी देते आये हैं। हाल ही में उन्हें पद्मभूषण सम्मान से अलंकृत किया गया है। फिलहाल कड़िया मुंडा 82 वर्ष के हो चुके हैं। इसके बाद भी वे राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय हैं। उनकी बढ़ती उम्र को देखते हुए कुछ जानकार मानते हैं कि शायद वे आसन्न लोकसभा चुनाव में दावेदारी न जतायें।

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