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स्थापितों को मालिकाना हक देना सरकार की प्राथमिकता : रघुवर दास

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स्थापितों को मालिकाना हक देना सरकार की प्राथमिकता : रघुवर दास

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य को बसाने में विस्थापित परिवारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। राज्य के सभी विस्थापित परिवारों को पक्के मकान देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। दास ने रविवार को यहां हटिया विस्थापित परिवार समिति द्वारा आयोजित वनभोज सह सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि नवनिर्मित विधानसभा परिसर के आसपास क्षेत्र में झुग्गी- झोपड़ियों में रह रहे गरीब परिवारों को सरकार एक कॉलोनी बनाकर हर परिवार को 2 रूम, किचन, शौचालय वाला एक यूनिट देगी। आदर्श कॉलोनी की तर्ज पर विकसित होने वाली इस कॉलोनी में मैरिज हॉल, पार्क इत्यादि की भी सुविधा रहेगी। गरीब परिवार के लोगों को घर के साथ- साथ रोजगार भी उपलब्ध कराए जाएंगे। गरीब परिवार के अनस्किल्ड बच्चे-बच्चियों को कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर स्किल्ड बनाया जाएगा जिससे उन्हें रोजगार से जोड़ा जा सकेगा। उन्होंने विस्थापित परिवार के लोगों से यह अनुरोध किया कि वे अपने बच्चे- बच्चियों को कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित अवश्य करें। राज्य सरकार ने कौशल विकास के लिए 700 करोड़ रुपए की बड़ी राशि बजट में रखी है ताकि राज्य के युवा प्रशिक्षित होकर झारखंड के अलावा दूसरे राज्यों और शहरों में भी नौकरी पा सके।
उन्होंने कहा कि राज्य में अभी बहुत सारे छोटे- बड़े उद्योग स्थापित हो रहे हैं। रांची में स्मार्ट सिटी, हाईकोर्ट, विधानसभा इत्यादि बने हैं, जल्द ही नवनिर्मित इन आधारभूत संरचनाओं के आसपास क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होगा। प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, हाउसकीपिंग इत्यादि की आवश्यकता पड़ेगी। उन्होंने कहा कि हमारा मानव संसाधन दक्ष होगा तो रोजगार भी तेजी से बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य सरकार जनवरी 2019 से मुख्यमंत्री सुकन्या योजना की शुरुआत की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह भी है कि बच्चियों का ड्रॉपआउट न हो। साथ- ही- साथ कम उम्र में बच्चों की शादी नहीं हो इसके लिए प्रोत्साहन राशि 18 वर्ष तक दी जाएगी। दास ने कहा कि महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक उन्नयन हो इसके लिए सखी मंडलों को बैंक से ऋण मुहैया कराकर कई प्रकार के विभिन्न रोजगार से जोड़ा गया है। देश में झारखंड पहला ऐसा राज्य है जहां पर महिलाओं के नाम पर 50 लाख तक की संपत्ति की रजिस्ट्री मात्र 1 में कराई जा रही है। राज्य की 1 लाख 20 हजार महिलाओं ने अब तक इसका लाभ लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी जन कल्याणकारी योजनाओं का संचालन गांव, गरीब और किसान को देखते हुए किया है। सरकार ने राज्य के किसानों को हरेक वर्ष खरीफ फसल के लिए प्रति एकड़ 5000 की सहायता राशि खाद एवं बीज खरीदने के देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने लोगों से जैविक खेती की ओर ज्यादा ध्यान देने की अपील की। किसान द्वारा उत्पादित सब्जियों की मार्केटिंग राज्य सरकार करेगी। उन्होंने विश्वास दिलाया कि वर्ष 2019 गरीबी उन्मूलन का वर्ष होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य है कि 2022 तक सभी गरीब बेघर लोगों को पक्के मकान उपलब्ध कराना है परंतु राज्य सरकार का लक्ष्य है कि 2020 तक ही हम राज्य के सभी गरीब बेघर लोगों को घर उपलब्ध कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्थापित परिवारों को राज्य सरकार पट्टा उपलब्ध करवा रही है ताकि उन्हें पहचान पत्र इत्यादि बनाने में कोई दिक्कत नहीं हो। राज्य सरकार विस्थापितों को मालिकाना हक दे रही है। दास ने कहा कि विस्थापित परिवारों की छोटी-छोटी समस्याओं का निराकरण जल्द ही कर दिया जाएगा। इस अवसर पर विधायक राम कुमार पाहन, हटिया विस्थापित परिवार समिति के अध्यक्ष पंकज शाहदेव, उपाध्यक्ष कलाम आजाद, उपाध्यक्ष मेघनाथ महत्व, संरक्षक करमा उरांव, संरक्षक अशोक शाहदेव, सचिव महावीर मुंडा, सदस्य झारखंड राज्य स्वतंत्रता सेनानी कोष लाल प्रवीर नाथ शाहदेव सहित हटिया विस्थापित परिवार के लोग एवं अन्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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