सरकार ने लिया कड़ा फैसला, पांच खनन पट्टेधारियों के पट्टे रद्द
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड सरकार ने पश्चिमी सिंहभूम जिले के पांच खनन पट्टेधारियों का पट्टा रद्द कर दिया है। राज्य के खान निदेशक जिसान कमर ने बुधवार को नेपाल हाउस में पत्रकारों को बताया कि पश्चिमी सिंहभूम जिले के तहत लौह, अयस्क/मैगनीज खनन पट्टेधारियों को 60 दिनों के वैधानिक नोटिस पर सरकार द्वारा समीक्षा के बाद उनके पट्टों को रद्द करने की कार्रवाई की गयी है। जिन पट्टेधारियों का पट्टा रद्द किया गया है, उनमें जेनेरल प्रोडयूस कंपनी घाटकुड़ी, जेनेरल प्रोडयूस कंपनी करमदा, रेवती रमण प्रसाद एवं आनंद वर्द्धन प्रसाद मेरलगड़ा, रेवती रमण प्रसाद एवं आनंद वर्द्धन प्रसाद इतरबालजोरी व कमलजीत सिंह अहलूवालिया के पट्टे शामिल हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में बालू की सुगम एवं मुफ्त उपलब्धता के लिए सरकार ने ऐतिहासिक पहल की है। झारखंड राज्य बालू खनन नीति – 2017 के अनुसार झारखंड राज्य अंतर्गत पड़ने वाले श्रेणी प्रथम के बालूघाटों से बालू का उपयोग निजी, गैर-व्यावसायिक, सामुदायिक उद्देश्य से सरकार द्वारा प्रायोजित कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन आदि के लिए किया जाना है। उन्होंने बताया कि इन बालू घाटों से उठाये जाने वाले बालू स्वामिस्व, कर आदि से मुक्त होगा। मात्र बालूघाट के पहुंच पथ, प्रबंधन, पर्यवेक्षण आदि के लिए सरकार द्वारा निर्धारित संधारण राशि (100 रुपये प्रति 100 घन फीट) ग्राम पंचायत/स्थानीय शासन द्वारा लिया जायेगा, जिसे ग्राम पंचायत के खाता में जमा किया जायेगा। इन बालूघाटों से उठाव के लिए परिवहन चालान/रसीद ग्राम पंचायत द्वारा निर्गत किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इन बालूघाटों में बालू का उठाव के लिए किसी भी परिस्थिति में मशीनों का उपयोग नहीं किया जायेगा तथा बालू के परिवहन के लिए ट्रैक्टर छोड़कर किसी भी अन्य भारी वाहनों का उपयोग नहीं किया जायेगा। इन बालूघाटों से बालू का उठाव कर उसका भंडारण नहीं किया जायेगा। इन बालूघाटों के संचालन से ग्राम पंचायत/स्थानीय निकाय सशक्त होगा एवं आम नागरिकों के लिए बालू की उपलब्धता सरल होगी।
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