ईश्वर का दरबार सबसे मजबूत किला हैः स्वामी निर्मलानंदजी महाराज
सिटी पोस्ट लाइव, खूंटी: महर्षि मेहीं आश्रम शबरी कुटिया शांतिपुरी मुरहू में तीन दिवसीय सत्संग रविवार से शुरू हुआ कार्यक्रम में कुप्पाघाट, भागलपुर आश्रम के स्वामी प्रमोद जी महाराज ने कहा कि संगति ही जरि जाय ना चर्चा राम की, दुल्ह बिन बारात भला किस काम की। उन्होंने कहा कि राम द्रोही मित्र नहीं, दुष्ट होते हैं। हरिचर्चा से बैर रखने वाले का त्याग कर देना चाहिए। संत का ज्ञान सुनना अमृत समान है। तन का भोजन अन्न है, मन का सत्संग और आत्मा का भोजन परमात्मा का ध्यान है। सत्संग भले ही थोड़ा हो, पर अवश्य करना करना-सुनना चाहिए। स्वामी निर्मलानंदजी महाराज ने कहा कि सुंदर शरीर सब समय नहीं रहता। ईश्वर का दरबार सबसे मजबूत किला है। हमें अपने अंदर के शत्रु, काम, क्रोध, मद, मोह, लोभ, अहंकार का त्याग करना चाहिए। संतों का सम्मान करना चाहिए। स्वामी श्रीनिवास जी महाराज ने कहा कि सत्संग से ही कल्याण संभव है। धरती मां पाप और अधर्म से दुःखी होती हैं। अतः सद्कर्म करने चाहिए। स्वामी लक्ष्मण जी महाराज ने मुंडारी भाषा में संतों की महिमा का बखान किया। वहीं स्वामी बालकृष्ण, स्वामी श्यामबाबा, स्वामी सत्यानंद ने भी गुरु की महिमा बताई। मौके पर मुख्य अतिथि झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, भाजपा जिलाध्यक्ष काशीनाथ महतो, ओपी कश्यप, केके पासवान ने संतों से आशीष लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने मे डॉ. डीएन तिवारी, संजय कुमार, जूरन मुंडा, सगुन दास, सूरजमल प्रसाद, लोदरो पाहन उपेन्द्र गोप, जगरनाथ मुंडा, विष्णु मुंडा, मनु गोप, कृष्णा प्रसाद, सुबोध कुमार, बिहारी साव, जगना मुंडा, दुखेंद्र ठाकुर, सुनील रजक, बीरु कुमार, सुखलाल पाहन, सोनामनी देवी ने सहयोग किया।
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