केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के छह जुलाई से ताजमहल खुलने के ट्वीट के बाद इन लोगों के चेहरे पर खुशी आई है। ताजमहल में फोटोग्राफर का काम करने वाले मोहम्मद मुस्ताक बताते हैं कि ताजमहल के बंद होने से हम काफी आर्थिक संकट में आ गए हैं। इसके अलावा हमारे पास रोजगार का कोई साधन नहीं है। सरकार ने भी हमारी मदद के लिए ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है जिससे हमारी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी हो सकें। ताजमहल के खुलने की खबर पाकर बड़ी खुशी हुई है।
आगरा एप्रूव्ड गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष शमसुद्दीन ने संस्कृति मंत्रालय के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि स्मारकों के बंद होने से फोटोग्राफर गाइड व रोज कमाने खाने वाले लोगों के लिए रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया था। ताजमहल के खुलने से इन लोगों की रोजी रोटी फिर से चलने लगेगी। टूरिज्म गिल्ड के अध्यक्ष हरीश कुमार ने कहां कि मंत्रालय का यह फैसला पर्यटन जगत के लिए खुशी लेकर आया है। ताजमहल के साथ अन्य स्मारकों को खोलने से पर्यटकों के बीच एक अच्छा संदेश जाएगा। जिससे पर्यटन उद्योग पटरी पर लौटेगा। इसी के साथ होटल और रेस्तरां फिर से खुलने लगेंगे।सिटी पोस्ट लाइव, आगरा: संस्कृत मंत्रालय ताजमहल सहित अन्य स्मारकों को छह जुलाई से खोलने जा रहा है। इसके लिए मंत्रालय की ओर से नियम भी तय कर दिए गए हैं। प्रवेश से पहले पर्यटकों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी। फेस कवर व शारीरिक दूरी (सोशल डिस्टेंस) का पालन करना होगा। ताजमहल में एक दिन में दो पालिया में पांच हजार पर्यटकों को प्रवेश मिलेगा। इससे आगरा के पर्यटन उद्योग व उससे जुड़े लोगों में खुशी का माहौल है। उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही पर्यटन उद्योग पटरी पर फिर से लौट आएगा। कोविड-19 के संक्रमण के कारण संस्कृत मंत्रालय ने ताज सहित देश के सभी स्मारकों को 17 मार्च से बंद कर दिया था। जिससे पर्यटन उद्योग व उससे जुड़े लोगों के लिए आर्थिक संकट खड़ा हो गया था। आगरा में लगभग चार लाख लोग पर्यटन उद्योग से जुड़े हुए हैं, जिनमें गाइड, फोटोग्राफर, हस्तशिल्पी, दुकानदार व होटल एंड रेसटोरेंट्स आदि से जुड़े लोग शामिल हैं इनकी की रोजी-रोटी सीधे तौर पर पर्यटन से ही चलती है।
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