City Post Live
NEWS 24x7

मॉनसून सत्र में प्रथम अनुपूरक व्यय विवरणी का होगा उपस्थापन: स्पीकर

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार को शुरू हुआ। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो ने अपना प्रारंभिक वकतव्य में कहा कि मानसून सत्र तीन से नौ सितम्बर तक चलेगा। कुल पांच कार्य दिवस प्रस्तावित हैं। इसमें विधानसभा के सत्र में नहीं रहने की अवधि में राज्यपाल द्वारा प्रख्यापित अध्यादेशों की प्रमाणीकृत प्रतियों को सभा पटल में रखने के साथ वित्तीय वर्ष 2021-22 के प्रथम अनुपूरक व्यय विवरणी का उपस्थापन किया जायेगा।

इसके अतिरिक्त प्रक्रिया तथा कार्य संचालन के नियमों के अधीन सदस्यों को जन सरोकार से जुड़े विषयों और समस्याओं पर सत्र के दौरान प्रश्न काल, शून्यकाल, ध्यानाकर्षण सूचनांए, प्रस्तावों और संकल्पों को उठाने के अवसर भी प्राप्त होंगे। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद आज पहली बार हम एकत्र हो रहे हैं और इस विभीषिका में हम में से हर किसी ने किसी अपने को खोया है। महामारी का भय अब तक खत्म नहीं हुआ है लेकिन अपने दायित्वों के निर्वहन के लिए हम सब यहां एकत्र हुए हैं।

उन्होंने कहा कि हमारा भारत अगस्त क्रांति दिवस की 79वीं वर्षगांठ बना रहा है, जिसे भारत छोड़ो आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है। यह दिवस हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास का एक मील का पत्थर माना जाता है। हम सभी को सदन में स्थापित लोकतांत्रिक मूल्यों, संसदीय परंपराओं को मान देना होगा। झारखंड की जनता ने जिस उम्मीद और आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए हमें सदन में भेजा है, उनके उम्मीदों और विश्वास पर हम सभी को खरा उतरना होगा।

स्पीकर ने कहा कि अभी खेलों का महाकुंभ टोक्यो ओलंपिक समाप्त हुआ है। भारत 1980 के बाद शीर्ष 50 में स्थान बनाने में सफल हुआ। हाल ही में हमने आजादी के 75वें वर्ष में कदम रखा है। यह दिवस हमारे देश एवं राज्य के समस्त वीर स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग, तपस्या और बलिदान को सम्मान देने का है, जिसकी वजह से आज हम पराधीनता की बेड़ियों से मुक्त होकर आजादी की हवा में सांस ले रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में संसदीय प्रणाली को सर्वोत्तम स्थान प्राप्त है। इसकी आत्मा विधायिका में ही निहित होती है। विधायिका के माध्यम से जनता अपनी प्रतिनिधियों के माध्यम से सरकार की नीतियों और उसके कार्यक्रमों में अपनी सहभागिता को भी निभाती है। वर्तमान कोरोना संकट के दरम्यान यद्यपि अपने राज्य को विकासोन्मुखी बनाने के लिए कुछ चुनौतियां भी हैं, जिसका सामना हम सबको मिलजुल दलगत भावना से उपर उठकर करना होगा। झारखंड की जनता ने हमें सदन के अंदर सत्ता और विपक्ष दोनों को एक सार्थक भूमिका निभाने के लिए अवसर प्रदान किया है। विधायी संस्था की सबलता भी इसी में निहित है कि जब पक्ष और विपक्ष आपस में एकजुट होकर सदन को चलाने में अपनी सहभागिता निभायें।

उन्होंने शोक संवेदना में देशभर में हुए दिवंगत बुद्धजीवी, खिलाड़ी, राजनेता, कलाकर, पत्रकार सहित अन्य मृतक आत्माओं को श्रद्धांजलि दी। इनमें प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, साइमन मरांडी, बंदी उरांव, लक्ष्मण गिलुवा, गोपाल दास, दिलीप कुमार, चंदन मित्रा, मिल्खा सिंह, सिद्धार्थ शुक्ला आदि हैं।

- Sponsored -

-sponsored-

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

- Sponsored -

Comments are closed.